27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रांची : भ्रष्टाचार के आरोपी दारोगा को बना दिया गया इंस्पेक्टर

कारनामा. एसीबी की रिपोर्ट पहले मिल गयी, फिर भी कर दी प्रोन्नति रांची : भ्रष्टाचार के आरोपी दारोगा प्रदीप चौधरी को इंस्पेक्टर के पद पर प्रोन्नति दे दी गयी है़ जबकि उनके खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो ने एफआइआर कर पहले ही पुलिस मुख्यालय को इसकी सूचना दी थी. प्रदीप चौधरी अभी जमशेदपुर रेल जिला बल […]

कारनामा. एसीबी की रिपोर्ट पहले मिल गयी, फिर भी कर दी प्रोन्नति
रांची : भ्रष्टाचार के आरोपी दारोगा प्रदीप चौधरी को इंस्पेक्टर के पद पर प्रोन्नति दे दी गयी है़ जबकि उनके खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो ने एफआइआर कर पहले ही पुलिस मुख्यालय को इसकी सूचना दी थी. प्रदीप चौधरी अभी जमशेदपुर रेल जिला बल में पदस्थापित हैं़
इस अफसर पर हजारीबाग में दारोगा के पद पर पदस्थापित रहने के दौरान कोयला तस्करों से मिलकर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा था. मामले की प्रारंभिक जांच के बाद मिले सबूत के आधार पर एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने चौधरी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर इसकी विधिवत सूचना पुलिस मुख्यालय को दी. इसके आधार पर चौधरी की प्रोन्नति नहीं होनी चाहिए थी.
लेकिन रिपोर्ट को दबाकर मुख्यालय के प्रोन्नति बोर्ड ने चौधरी को दारोगा से इंस्पेक्टर में प्रोन्नति दे दी. बताया जा रहा है कि तत्कालीन आइजी कार्मिक ने प्रोन्नति समिति की बैठक में इस तथ्य को छिपा लिया कि दारोगा प्रदीप चौधरी के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो में प्राथमिकी दर्ज है. नियम है कि जिस पदाधिकारी के खिलाफ न्यायिक मामला विचाराधीन हो, उन्हें प्रोन्नति नहीं दी जा सकती. अब यह मामला पकड़ में आया है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए रेल आइजी सुमन गुप्ता ने डीजीपी डीके पांडेय को पत्र लिखकर इंस्पेक्टर प्रदीप चौधरी को डिमोट करने और उन्हें प्रोन्नति देने के लिए जवाबदेह पुलिस मुख्यालय के अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुशंसा की है.
स्थापना पर्षद की बैठक में प्रोन्नति देने का हुआ था फैसला
दारोगा प्रदीप चौधरी वर्ष 2016 में धनबाद जिला में पदस्थापित थे. इससे पहले वह हजारीबाग में पदस्थापित थे. उसी दौरान उन पर कोयला तस्करों से मिलकर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा था. इसकी जांच एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने की. जांच में तथ्य मिलने के बाद एसीबी ने उनके खिलाफ 22 अगस्त 2016 को कांड संख्या-02/2016 दर्ज किया.
दारोगा प्रदीप चौधरी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की जानकारी एसीबी ने अपने ज्ञापांक-9940 दिनांक 15-09-2016 को डीजीपी डीके पांडेय को दी. डीजीपी डीके पांडेय के एनजीओ शाखा ने उसी दिन तत्कालीन आइजी कार्मिक को उक्त पत्र दे दिया. तत्कालीन आइजी कार्मिक ने यह जानकारी 16 सितंबर 2016 को प्राप्त की. इसके तीन दिन बाद 19 सितंबर 2016 को पुलिस मुख्यालय में राज्य पुलिस स्थापना पर्षद (प्रोन्नति समिति) की बैठक हुई.
इस बैठक में दारोगा प्रदीप चौधरी को प्रोन्नति देने का फैसला लेते हुए आदेश भी जारी किया गया. मुख्यालय के आदेश पर बोकारो रेंज के डीआइजी ने 23 सितंबर 2016 को दारोगा प्रदीप चौधरी को प्रोन्नति देते हुए जमशेदपुर जिला बल के लिए विरमित कर दिया. इसके बाद तीन अक्टूबर 2016 को धनबाद के एसपी ने दारोगा प्रदीप चौधरी को विरमित कर दिया. विरमित होने के बाद दारोगा प्रदीप चौधरी ने जमशेदपुर रेल जिला में इंस्पेक्टर के पद पर योगदान दिया.
चौधरी के पास आय से 75 फीसदी ज्यादा संपत्ति
एसीबी की जांच में पाया गया कि प्रदीप चौधरी के पास आय से 75.44 फीसदी संपत्ति ज्यादा है. इनकी कुल आय 68,56,324 है. इन्होंने 1,20,28,786 रुपये खर्च किये हैं. जो कि इनकी आय से 51,72,462 रुपये ज्यादा है. यानी आय से यह 75.44 % अधिक है़

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें