रांची : झारखंड हाइकोर्ट में गुरुवार को रांची-जमशेदपुर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-33) की दयनीय स्थिति को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई.
जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए माैखिक रूप से कहा कि रांची-जमशेदपुर राष्ट्रीय राजमार्ग का फोर लेनिंग कार्य जल्द पूरा होना चाहिए. इसे लेकर नेशनल हाइवे अथॉरिटी अॉफ इंडिया (एनएचएआइ) को गंभीर होना पड़ेगा. यह राजमार्ग लाइफलाइन है. यह जनहित का मामला है. इसे शीघ्र पूरा करने पर ध्यान दिया जाना चाहिए.
जांच रिपोर्ट के निरीक्षण के लिए दिया गया समय : सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को भारत सरकार के कॉरपोरेट मंत्रालय की सीरियस फ्रॉड इंवेस्टीगेशन ऑर्गेनाइजेशन (एसएफआइअो) की सीलबंद प्रारंभिक जांच रिपोर्ट का निरीक्षण करने के लिए समय दिया गया. राज्य सरकार को छोड़ कर अन्य प्रतिवादियों ने एसएफआइअो की जांच रिपोर्ट का निरीक्षण कर लिया है. पिछली सुनवाई के दौरान एनएचएआइ की अोर से कहा गया था कि एनएच के निर्माण के लिए वन टाइम 500 करोड़ रुपये निर्गत करना है. एनएचएआइ सहमत भी है. केनरा बैंक ने भी 250 करोड़ रुपये देने की बात कही.
राज्य सरकार की अोर से अधिवक्ता राजीव रंजन मिश्रा ने पक्ष रखा, जबकि एनएचएआइ की अोर से वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार सिन्हा, बैंक की अोर से वरीय अधिवक्ता जय प्रकाश, संवेदक कंपनी की तरफ से अधिवक्ता अनूप कुमार मेहता ने पक्ष रखा.