रांची : लातेहार के मनिका निवासी जयगोविंद साव को आखिर पत्नी स्व. चिंता देवी का मृत्यु प्रमाण पत्र मिल गया. इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी दी. उन्होंने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि इलाज के दौरान लातेहार के श्री जयगोविंद साव की पत्नी की गुरुनानक अस्पताल रांची में मृत्यु हो गयी थी. अस्पताल ने 30000 बकाया राशि लेकर शव दे दिया था, पर मृत्यु प्रमाणपत्र नहीं दिया जा रहा था. मामला संज्ञान में आते ही कार्रवाई के निर्देश दिये,उन्हें सर्टिफिकेट मिल गया है. अपने इस ट्वीट को उन्होंने डीसी रांची को भी टैग किया.
दरअसल, जयगोविंद साव की पत्नी बीमार थी. उसका इलाज रांची के गुरुनानक हॉस्पिटल में जयगोविंद करा रहे थे. इलाज में काफी खर्च हुआ, लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी. मध्यम वर्गीय परिवार के जयगोविंद पहले ही इलाज में काफी खर्च कर चुके थे. ऐसे में अस्पताल का बकाया 30 हजार रुपये रहने के कारण प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा था.
अपनी इस समस्या को लेकर जयगोविंद ने मुख्यमंत्री रघुवर दास का दरवाजा खटखटाया जिसके बाद रांची डीसी को मुख्यमंत्री का आदेश प्राप्त हुआ कि इस मामले को देखें. तब डीसी राय महिमापत रे ने गुरुनानक अस्पताल के सचिव को पत्र लिखकर कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार जयगोविंद की बकाया राशि 30 हजार रुपये मानवता के आधार पर माफ करते हुए उनकी पत्नी का प्रमाण पत्र निर्गत करें.
डीसी के निर्देश के बाद अस्पताल प्रबंधन ने मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत कर दिया. इस संबंध में जयगोविंद साव का कहना है कि प्रमाण पत्र लेने के लिए काफी परेशान होना पड़ा. लेकिन मुख्यमंत्री और रांची डीसी के कारण अब प्रमाण पत्र मिल गया. इसके लिए मैं इन्हें धन्यवाद देता हूं….
@cmjansamvad में फरियाद, #Seedhibaat में मुख्यमंत्री @dasraghubar के आदेश और @DC_Ranchi @rmray की तत्परता
के बाद गुरुनानक अस्पताल ने लातेहार के जयगोविंद साव का पैसा माफ कर, उनकी पत्नी चिंता देवी का मृत्यु प्रमाणपत्र आज उन्हें निर्गत कर दिया।
@cmojhr @ZeeBiharNews #Samvadke3saal pic.twitter.com/EsO2QMyoNT— Covid-19 Control Room Jharkhand (@jharkhand181) May 31, 2018