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झारखंड : उज्ज्वला योजना से ग्रामीण महिलाओं के जीवन में आया है बदलाव : द्रौपदी मुर्मू

एलपीजी : ए कैटलिस्ट ऑफ सोशल चेंज कांफ्रेंस का समापन रांची : देश में आधी आबादी महिलाओं की है. महिलाएं ऐसे समाज की रीढ़ हैं, जो समाज को बढ़ाने के लिए सशक्त रूप से काम करती हैं. उज्ज्वला योजना से देश की लाखों महिलाओं के जीवन में बदलाव आया है. यह बातें राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू […]

एलपीजी : ए कैटलिस्ट ऑफ सोशल चेंज कांफ्रेंस का समापन
रांची : देश में आधी आबादी महिलाओं की है. महिलाएं ऐसे समाज की रीढ़ हैं, जो समाज को बढ़ाने के लिए सशक्त रूप से काम करती हैं. उज्ज्वला योजना से देश की लाखों महिलाओं के जीवन में बदलाव आया है. यह बातें राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को होटल रेडिशन ब्लू में कही. श्रीमति मुर्मू दो दिवसीय एलपीजी : ए कैटलिस्ट ऑफ सोशल चेंज कांफ्रेंस के समापन समारोह के मौके पर बोल रही थीं.
समय पर नहीं हो रही बारिश : उन्होंने कहा कि झारखंड जंगलों के लिए जाना जाता है. यहां 33 प्रतिशत जंगल रहना चाहिए. वर्तमान में यह 29 प्रतिशत हो गया है.
धुआं के निरंतर संपर्क में रहने के कारण बहुत-सी बीमारियां जन्म ले रही हैं. विश्व बैंक के एक आकलन के अनुसार, भारत में लाखों मौतें खाना पकाने के समय धुआं के कारण होता है.
एलपीजी जैसे स्वच्छ ईंधन का उपयोग कर इतनी मौतों को बचाया जा सकता है. जनसंख्या तेजी से बढ़ रही हैं. आज भी भारत में कम आय वाले परिवार लकड़ी, चारकोल और केरोसिन का प्रयोग करते हैं. यह न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है, बल्कि ग्लोबल वार्मिंग की भी वजह है.
18 माह में 3.40 करोड़ तक पहुंचाया गया लाभ
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि एक घंटे तक लकड़ी के प्रयोग से लगभग 400 सिगरेट के बराबर धुआं निकलता है. इससे सांस, अांख सहित कई प्रकार की बीमारी होती है. सरकार ने 2019 तक पांच करोड़ महिलाओं तक योजना का लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा था.
18 माह में ही 3.40 करोड़ तक लाभ पहुंचा दिया गया. अब इस पांच करोड़ लक्ष्य को बढ़ा कर आठ करोड़ कर दिया गया है. इसके पूर्व विभिन्न विषयों पर चर्चा की गयी. मौके पर यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के प्रोफेसर डॉ केआर स्मिथ, आइओसीएल के इडी शैलेंद्र कुमार शर्मा भी उपस्थित थे. धन्यवाद ज्ञापन आरडीआइ की सीइओ मीता प्रियदर्शिनी सिन्हा ने किया.

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