सिल्ली: पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के झालदा में 152 करोड़ की लागत से लीक प्रूफ बोरा बनाने की समर्थ एड प्रोटेक्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी का कारखाना बन कर तैयार हो गया है. इसके ऑपरेशन के लिये सभी आवश्यक टेस्ट भी पूरे कर लिये गये हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मंगलवार को […]
सिल्ली: पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के झालदा में 152 करोड़ की लागत से लीक प्रूफ बोरा बनाने की समर्थ एड प्रोटेक्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी का कारखाना बन कर तैयार हो गया है. इसके ऑपरेशन के लिये सभी आवश्यक टेस्ट भी पूरे कर लिये गये हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मंगलवार को इसका विधिवत उदघाटन करेंगी.
रविवार को रांची न्यूक्लियस मॉल के सीइओ व कंपनी के मालिक विष्णु अग्रवाल ने सपत्निक कंपनी का विधिवत पूजन किया. कंपनी के चालू होते ही झालदा की यह कंपनी सर्वाधिक लीक प्रूफ बोरा बनानेवाली देश की पहली कंपनी बन जायेगी. पैंतालीस एकड़ जमीन पर तैयार इस कारखाना में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से करीब 2000 लोगों को रोजगार मिलेगा.
ज्ञात हो कि इसी परिसर में करीब 700 करोड़ की लागत से लीक प्रूफ बोरा बनाने का एक कारखाना पहले से ही काम कर रहा है. कंपनी के मालिक विष्णु अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 2007 में भारत में पहली बार लीक प्रूफ बोरा इसी कारखाने में शुरू किया गया था. अब देश में झालदा समेत चार जगहों पर इसका निर्माण कराया जाता है.
अखिल भारतीय अध्यक्ष हैं विष्णु अग्रवाल
रांची में नव निर्मित न्यूक्लियस मॉल के सीईओ विष्णु कुमार अग्रवाल अब झारखंड के बाद अब फिर से पश्चिम बंगाल में निवेश कर उद्योग लगाने में रूचि ले रहे हैं. श्री अग्रवाल एआइएफटीएमए ऑल इंडिया फ्लैट टेप मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन के अखिल भारतीय अध्यक्ष हैं. इस संबंध में उन्होंने पत्रकारों को बताया कि वे अपने 14 साल की उम्र से ही कई प्रकार के प्रोजेक्ट निर्माण के काम में लगे हुए हैं. किसी भी राज्य में कल कारखाने व उद्योग वहां की सरकार के सहयोग से ही लगता है. देश भर में जिस राज्य की सरकार से सहयोग मिलता है, वहां प्रोजेक्ट व कारखाने लगाते हैं. यह कारखाना देश में लीक प्रूफ बोरा बनाने का पहला कारखाना है. उत्पादन व क्वालिटी के लिये देश में अब भी नंबर वन बना रहेगा.
जर्मनी से मंगायी है मशीन : लीक प्रूफ बोरा बनाने के लिये इस नये कारखाने में जर्मनी से चार मशीनें मंगायी गयी हैं. जिसमें प्रति मिनट 120 बोरा व प्रति मिनट 60 बोरा बनाने की क्षमता है. कारखाने के एक इंजीनियर ने बताया कि ये मशीनें 24 घंटे काम कर सकती हैं. 24 घंटे में तीन लाख बोरे बनाये जा सकते हैं.