रांची : राजधानी या आसपास के थानाें में पदस्थापित थानेदार अब किसी पीड़ित के थाने में शिकायत लेकर जाने पर उसे दूसरे क्षेत्र का मामला बता कर एफआइआर दर्ज करने से इनकार नहीं कर पायेंगे.अब संबंधित थानेदारों को पीड़ित की समस्या सुननी होगी. उनकी शिकायत पर जीरो एफआइआर करना होगा. शिकायत दर्ज करने के बाद संबंधित थानेदार को शिकायत दर्ज करने की सूचना देनी होगी. इसके बाद शिकायत को संबंधित थाने की पुलिस को कार्रवाई के लिए भेजना होगा. इससे संबंधित गाइडलाइन एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने सभी थानेदारों के लिए जारी किया है.
उल्लेखनीय है कि जीरो एफआइआर पुलिस की काफी पुरानी व्यवस्था है. लेकिन इसका अनुपालन अमूमन पुलिस नहीं करती थी. पूर्व में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. अभी हाल ही में खेलगांव स्टेडियम में छेड़खानी की शिकार एक खिलाड़ी ने घटना के बाद महाराष्ट्र लौट कर स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज करायी थी. युवती की शिकायत पर महाराष्ट्र के स्थानीय थाना में जीरो एफआइआर दर्ज हुआ था.
बाद में मामले में प्राथमिकी दर्ज कर केस के अनुसंधान के लिए इसे रांची पुलिस के पास भेज दिया गया. इस मामले में सदर थाना की पुलिस ने युवती की शिकायत पर जीरो एफआइआर के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर केस के अनुसंधान की जिम्मेवारी खेलगांव पुलिस को सौंप दी. ऐसा ही एक और मामला लोअर बाजार थाना में आया था. जमशेदपुर की एक महिला रांची के एक थानेदार के खिलाफ शिकायत लेकर लोअर बाजार थाना पहुंची थी. लेकिन महिला को यह कहकर वापस भेज दिया गया कि मामला जमशेदपुर का है, इसलिए यहां की पुलिस आपकी कोई मदद नहीं कर सकती है.
