रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शेल (मुखौटा) कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि काम करनेवाली कंपनियों का हृदय से स्वागत और सत्कार है, लेकिन फर्जी, छद्म व मुखौटाधारियों के लिए कोई जगह नहीं है. उन्होंने इस संबंध में मुख्य सचिव राजबाला वर्मा को तत्काल कार्रवाई करने को कहा है. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद मुख्य सचिव ने सभी जिलों के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षकों को शेल कंपनियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए निर्देश जारी कर दिया है. मुख्य सचिव ने पदाधिकारियों को 15 दिनों में कार्रवाई से सरकार को अवगत कराने का भी निर्देश दिया है.
झारखंड के विभिन्न जिलों में 634 शेल कंपनियों की चल-अचल संपत्ति के संचालन, हस्तांतरण व उपयोग पर रोक लगा दी गयी है. मुख्य सचिव ने कहा कि कंपनी एक्ट की धारा-250 के प्रावधान के अनुरूप शेल कंपनियों की अचल संपत्ति को चिह्नित कर उपायुक्त कस्टडी में लें.
मुख्य सचिव ने पत्र जारी कर कहा है कि शेल कंपनियों के बैंक खातों पर प्रतिबंध लगाने के लिए केंद्र सरकार के कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय, वित्त मंत्रालय तथा इंडियन बैंक एसोसिएशन द्वारा कार्रवाई की जा रही है. इस कार्य में जिले के बैंक शाखाओं को पत्र देने को कहा गया है. साथ ही आवश्यक पहल कर बैंक द्वारा इसका अनुपालन सुनिश्चित कराने को कहा गया है.
केंद्र सरकार के स्तर से चल रही हे कार्रवाई
मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया है भारत सरकार के कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा शेल कंपनियों तथा संदेहास्पद कंपनियों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है. झारखंड की 634 कंपनियों को भी निबंधक ने कंपनी एक्ट 2013 की धारा 248(5) के तहत सूची से हटा दिया गया है. ये कंपनियां विघटित हो गयी हैं. इनका सर्टिफिकेट ऑफ इनकॉरपोरेशन रद्द कर दिया गया है.
634 शेल कंपनियां है झारखंड में
रांची 214
जमशेदपुर 151
धनबाद 55
हजारीबाग 51
बोकारो 37
देवघर 25
पलामू 21
गिरिडीह 17
चाईबासा 11
गोड्डा 10