फिलहाल, पहाड़ी मंदिर में तिरंगा तो नहीं लहरा, लेकिन 293 फीट का पोल बिना रख-रखाव के खड़ा है. इधर, पोल के आसपास मिट्टी का ज्यादा कटाव भी हो गया है. पहाड़ी मंदिर के पूरब-उत्तर और पश्चिमी इलाके में सबसे ज्यादा मिट्टी का कटाव हुआ है. इस वजह से कई पेड़ भी गिर गये हैं. फ्लैग पोस्ट पर लगी चेन का दरवाजा भी टूट चुका है. इस विशाल फ्लैग पोस्ट के गिरने के खतरे से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है. हालांकि पहाड़ी मंदिर विकास समिति द्वारा यह दलील दी जा रही है कि इसे काफी मजबूत बुनियाद पर खड़ा किया गया है.
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पहाड़ी : तिरंगा लहरा नहीं पाये, 293 फीट का पोल खड़ा किया, मिट्टी कटाव से हो सकती है अनहोनी
रांची: पहाड़ी मंदिर पर 23 जनवरी 2016 को विश्व का सबसे ऊंचा तिरंगा लहराया. यह तिरंगा तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने फहराया था. 26 जनवरी को भी झंडा लहराया गया लेकिन, उसी दिन शाम को झंडा पोल में फंस गया, जिस वजह से उसे उतार दिया गया था. झंडा उतारने व चढ़ाने का सिलसिला […]
रांची: पहाड़ी मंदिर पर 23 जनवरी 2016 को विश्व का सबसे ऊंचा तिरंगा लहराया. यह तिरंगा तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने फहराया था. 26 जनवरी को भी झंडा लहराया गया लेकिन, उसी दिन शाम को झंडा पोल में फंस गया, जिस वजह से उसे उतार दिया गया था. झंडा उतारने व चढ़ाने का सिलसिला कई दिनों तक चला.
अनहोनी हुई, तो 250 घरों को हो सकता है नुकसान
पहाड़ी मंदिर के आसपास घनी आबादी है. पोल पोस्ट की लंबाई काफी है. किसी तरह की अनहोनी हुई, तो बड़ा हादसा हो सकता है. पहाड़ी के चारों ओर सैकड़ों मकान हैं. मिट्टी के कटाव या दूसरे कारण से पोल को नुकसान हुआ और यह गिर गया, तो बड़ी आबादी चपेट में आ सकती है. लगभग 200 से 250 मकान को नुकसान हो सकता है. पहाड़ी के नीचे दुकानों से लेकर रिहायशी इलाके हैं. हर दिन हजारों की संख्या में यहां श्रद्धालु पूजा करने पहुंचते हैं़ समय रहते इस बारे में सोचना होगा.
दर्जनों हरे-भरे पेड़ काट दिये गये
पहाड़ी मंदिर पर विश्व का सबसे ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए दर्जनों पेड़ काट गये थे. पेड़ नहीं होने की वजह से भी मिट्टी कटाव तेजी से हो रहा है. पोल खड़ा करने के लिए उस वक्त कंस्ट्रक्शन मैटेरियल और फ्लैग पोस्ट को निर्माण स्थल तक ले जाने के लिए वैकल्पिक रास्ता बनाया गया था. उस रास्ते को बनाने के लिए दर्जनों पेड़ काटे गये. वैकल्पिक मार्ग को सुगम बनाने के लिए पहाड़ी के ऊपर भारी मशीनें ले जो गये थे. इससे भी पहाड़ी को काफी नुकसान हुआ. कई पेड़ रौंद दिये गये.
क्या कहते हैं समिति के सदस्य
यह सही है फ्लैग पोस्ट के आसपास काफी मिट्टी का कटाव हो चुका है. बरसात के कारण काम रुका हुआ था. अब जल्द ही काम शुरू हो जायेगा.
हरि जालान, कोषाध्यक्ष, पहाड़ी मंदिर विकास समिति
हमें जो काम दिया गया था, वह हमने किया है. इसके रख-रखाव व मिट्टी को स्टैबल रखने के लिए मेकॉन ने डिजाइन तैयार किया है. जहां तक फ्लैग पोस्ट के आसपास के मिट्टी कटाव का मामला है, तो उससे फ्लैट पोस्ट को कोई खतरा नहीं है. क्योंकि, पोल के 30 मीटर अंदर तक टैरा एंकरिंग की गयी है.
दीपक बरथुआर, उर्मिला आरसीपी प्रोजेक्ट प्रा लिमिटेड
फैक्ट फाइल
काम शुरू: दो नवंबर 2015 से चार माह तक काम चला
खर्च: 1.25 करोड़ रुपये
झंडे का मास्ट लगाने में 60 मजदूर लगाये गये
पोल की ऊंचाई मंदिर से: 293 फीट
पोल की ऊंचाई जमीन से: 493 फीट ऊंची
फाउंडेशन की ऊंचाई: 4.5 मीटर
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