इसके लेखक डॉ वीरेंद्र सोय हैं. मौके पर श्री मुंडा ने कहा कि मुंडारी भाषा साहित्यिक सौंदर्य बोध के रूप में स्थापित होना चाहिए. आर्थिक, साहित्यिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं भौगोलिक इतिहास में मुंडारी भाषा की पहचान है. उन्होंने कहा कि कई लेखकों ने भाषा समुदाय के बीच शोध कार्य किये किंतु मुंडा समुदाय उनसे अनजान रहा. मुंडा ने भाषायी विकास हेतु जागरूकता पर बल दिया. पूर्व विधायक कोचे मुंडा ने कहा कि क्षेत्र में भाषायी विस्थापन की समस्या है. लेखक व पाठक दोनों को जागरूक होना चाहिए. सोमा सिंह मुंडा ने कहा कि भाषायी जागृति से ही समाज जागृत होता है.
मौके पर डीसी डॉ मनीष रंजन, प्रो नरोत्तम मांझी, प्रो अंकिता, नगर पंचायत अध्यक्ष रानी टूटी, संगीता कंडुलना, दामु मुंडा, प्रो नेलन पूर्ति, विजय प्रधान, घनश्याम मिश्र, राजकुमार गुप्ता, अनूप प्रसाद, चैतन मुंडा, मदिराय मुंडा, मंगल सिंह मुंडा, सहित कई लोग