जब उसके माता-पिता को यह पता चला, तब उन्होंने इसकी सूचना जरिया गांव की मुखिया को दी. मुखिया ने त्वरित संज्ञान लेते हुए इसकी सूचना बेड़ो थाना व रांची चाइल्ड लाइन की सहयोगी संस्था छोटानागपुर सांस्कृतिक संघ को दी़
चाइल्ड लाइन ने बच्ची का फोटो व ट्रैफिकर का नंबर रेलवे चाइल्ड लाइन और रांची जीआरपी को मुहैया कराये, पर विलंब के कारण उसे रेस्क्यू नहीं कराया जा सका और वह पटना पहुंच गयी़ वहां उसे भवन निर्माण कार्य में लगा दिया गया़ संध्या को जब लगा कि बिरसमुनी लड़कियों को झूठ बोल कर इधर- उधर ले जाकर काम पर लगा देती है, तो उसने बेड़ो थाना से संपर्क किया़ संध्या का नंबर व पूर्ण विवरण पटना चाइल्ड लाइन को उपलब्ध कराया गया़ इसके बाद पटना चाइल्ड लाइन ने उससे संपर्क किया़ घर की पहचान व परिजनों सेे संपर्क के बाद अभिभावकों के मदद से उसे रांची लाया गया़