रांची : रांची विवि के हिंदी विभाग में एमफिल अंतिम वर्ष की परीक्षा के लिए तीन अगस्त को भागलपुर विवि से एक्सटर्नल को बुलाया गया था. उन्हें 11 हजार रुपये का भुगतान किया गया, जबकि इस परीक्षा का बिल 20 हजार रुपये का बनाया गया है. नौ हजार रुपये विभागाध्यक्ष डॉ जेबी पांडे के पास हैं. वहीं परीक्षा का बिल विवि को नहीं भेजा गया है.
जानकारी के अनुसार रांची विवि के हिंदी विभाग में तीन अगस्त को भागलपुर विश्वविद्यालय के शिक्षक मधुसूदन झा को एक्सटर्नल के तौर पर बुलाया गया था. उन्होंने एमफिल 2014-15 के नौ विद्यार्थियों का वायबा लिया था. इसके बाद विभाग की ओर से उनके नाम का चेक बनाया गया, जो 20 हजार रुपये का था, लेकिन एक्सटर्नल को केवल 11 हजार रुपये का ही भुगतान किया गया. इस बारे में विवि के परीक्षा नियंत्रक डॉ एके झा का कहना है कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है कि कितने पैसे का भुगतान किया गया है. हमारे पास अभी तक इसका बिल नहीं आया है.
एक ही परीक्षा के लिए दो बार हुआ भुगतान
हिंदी विभागाध्यक्ष ने एक ही परीक्षा के लिए दो बार भुगतान किया है. एमफिल सेशन 2014-15 की फाइनल परीक्षा दिसंबर 2016 में ली गयी थी. इसमें भी किसी दूसरे विवि से एक्सटर्नल को बुलाया गया था. जिन्हें प्रत्येक विद्यार्थी के अनुसार भुगतान किया गया था. इस परीक्षा को विवि प्रशासन ने नहीं माना और एमफिल का परीक्षाफल घोषित नहीं किया. इसके बाद फिर से तीन अगस्त को फाइनल परीक्षा ली गयी और दोबारा एक्सटर्नल को भुगतान किया गया.
एक्सटर्नल को 11 हजार का भुगतान किया है और 20 हजार रुपये निकाले हैं. विवि को बिल भेजने के बाद फिर से एक्सटर्नल को और भी भुगतान करना पड़ सकता है, इसलिए नौ हजार रुपये रखे हैं. गड़बड़ी वाली कोई बात नहीं है.
डॉ जेबी पांडे, हिंदी विभागाध्यक्ष, रांची विवि