पिछले वर्ष इस दौरान 18 नक्सल घटनाएं हुई थीं, लेकिन वर्ष 2017 में 20 घटनाएं हुईं. घटनाओं का औसत प्रतिमाह 3.33 प्रतिशत रहा. पिछले वर्ष दंगा की कुल 67 घटनाएं हुई थीं, लेकिन 2017 में दंगा की 73 घटनाएं हुईं. दंगा की घटनाओं का औसत प्रतिमाह 12.16 रहा. इसके अलावा पिछले वर्ष एससी-एसटी से संबंधित 28 मामले दर्ज किये गये थे.
वर्ष 2017 में एससी-एसटी से संबंधित 33 मामले दर्ज किये गये. केस दर्ज होने का औसत प्रतिमाह 5.5 प्रतिशत रहा. रांची के एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने कहा कि कुछ मामलों को छोड़ दिया जाये, तो सभी आपराधिक घटनाओं में कमी आयी है. पिछले वर्ष 2016 में जनवरी के आरंभ से लेकर जून के बीच कुल 3897 मामले विभिन्न थानों में दर्ज किये गये थे, इस दौरान 2017 में 3637 मामले दर्ज किये गये. कुल दर्ज मामले के आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि पिछले वर्ष औसतन प्रतिमाह 649.5 प्रतिशत मामले दर्ज किये जाते थे, लेकिन इस दौरान 2017 में घट कर यह आंकड़ा प्रतिमाह 606.16 प्रतिशत पर आ गया. इससे यह भी स्पष्ट है कि कुल आपराधिक घटनाओं में भी कमी आयी है.
एसएसपी के अनुसार वर्ष 2017 में नक्सल से संबंधित केस में इसलिए वृद्धि हुई है, क्योंकि इस दौरान नक्सल और उग्रवादी से संबंधित मामलों में पुलिस को अधिक उपलब्धि हासिल हुई. वहीं, दूसरी ओर एससी-एसटी से संबंधित मामलों में इसलिए वृद्ध हुई, क्योंकि रांची पुलिस ने मामले में सक्रियता दिखाते हुए अधिक केस दर्ज किया.