रांची : आठ-नौ माह पहले कांके डैम में व्यावसायिक तरीके से मछली उत्पादन की शुरुआत हुई थी. पिछले छह माह से वहां से व्यावसायिक तरीके से मछली का उत्पादन हो रहा है. कांके डैम में मत्स्य सहयोग समिति चलाने वाले नरेंद्र पांडेय ने 2.50 लाख रुपये कर्ज लेकर इसकी शुरुआत की थी. पिछले छह माह […]
रांची : आठ-नौ माह पहले कांके डैम में व्यावसायिक तरीके से मछली उत्पादन की शुरुआत हुई थी. पिछले छह माह से वहां से व्यावसायिक तरीके से मछली का उत्पादन हो रहा है. कांके डैम में मत्स्य सहयोग समिति चलाने वाले नरेंद्र पांडेय ने 2.50 लाख रुपये कर्ज लेकर इसकी शुरुआत की थी. पिछले छह माह में कांके डैम से 16 लाख रुपये की मछली बेची गयी है. करीब 13560 किलो मछली बेची जा चुकी है.
श्री पांडेय के साथ छह माह पहले 36 लोग काम करते थे. आज 56 लोग जुड़े हैं. श्री पांडेय की इस उपलब्धि पर मत्स्य विभाग ने सोमवार को राष्ट्रीय मछुआरा दिवस के मौके पर प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित समारोह में उन्हें सम्मानित किया. श्री पांडेय ने बताया कि उनके साथ काम करने वाले सभी कर्मियों को 20 फीसदी शेयर दिया जायेगा.
मछली पालन के महत्व की जानकारी दी : इस मौके पर मत्स्य निदेशक राजीव कुमार ने मछली पालन के महत्व की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि एक एकड़ के तालाब में कृषि से ज्यादा मछली पालन कर कमा सकते हैं. कार्यक्रम का संचालन जिला मत्स्य अधिकारी मनोज ठाकुर तथा धन्यवाद ज्ञापन आशीष कुमार ने किया. इस मौके पर संयुक्त मत्स्य निदेशक मनोज कुमार भी मौजूद थे.
हर दिन पांच से छह हजार कमाते हैं प्रह्लाद
चतरा के हंटरगंज प्रखंड के प्रह्लाद चौधरी हर दिन मछली से पांच से छह हजार रुपये कमाई कर रहे हैं. करीब एक से डेढ़ लाख रुपये की मछली और उसका बीज हर दिन बेचते हैं. प्रह्लाद सिर्फ दूसरी क्लास तक पढ़े हैं. वह बताते हैं कि शुरू में दूसरे के यहां मजदूरी करते थे. आज पांच-छह गाड़ी है. मछली बिहार के गया में बेचते हैं. इस मौके पर विभाग ने इनके साथ-साथ बेड़ो के चरवा उरांव, खूंटी की आश्रिता होरो और अंजली कुमार को भी सम्मानित किया.
परिसंपत्तियों का वितरण
इस मौके पर परिसंपत्तियों का भी वितरण किया गया. रातू के जॉन तिर्की और अनगड़ा के विजय ठाकुर को स्पॉन दिया गया. डोमन मछुआ, सुरेश और प्रदीप को मछली का खाना दिया गया. राहे के दिगेश्वर महतो, विष्णु प्रजापति और सिल्ली के गोपाल बेदिया को फिश नेट दिया गया. मत्स्य हेचरी खोलने वाले महफूज आलम अंसारी को 6.25 लाख रुपये की सब्सिडी का पहला किस्त दिया गया. लोहरदगा के तेज प्रताप को एक एकड़ में तालाब खोदने के लिए तीन लाख रुपये दिये गये. वेद व्यास योजना के तहत आवास निर्माण के लिए एतवा उरांव और साहबीर उरांव को 40-40 हजार रुपये दिये गये.