सालहन पंचायत की ही अनिता देवी ने रांची एसडीओ की अदालत में आवेदन देकर मुखिया पर गलत प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव लड़ने का आरोप लगाया. अनिता की शिकायत पर एसडीओ की अदालत में इलेक्शन केस 01/2015-16 की कार्यवाही शुरू हुई. एसडी ने नामकुम बीडीओ की रिपोर्ट के आधार पर क्लारेट एक्का को मुखिया के पद से हटाने का आदेश दिया.
एसडीओ द्वारा 17 जून 2016 को पारित इस आदेश को एक्का ने हाइकोर्ट में चुनौती दी है. उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि नामकुम के अंचलाधिकारी द्वारा 29 अक्तूबर 2015 को उनके पक्ष में जारी किये गये जाति प्रमाण पत्र (उरांव) के आधार पर चुनाव में हिस्सा लिया और जीत दर्ज की. एसडीओ ने सामान्य आरोप और बीडीओ की रिपोर्ट के आधार पर चुने हुए जन प्रतिनिधि को पद से हटाने का आदेश दिया. हालांकि उन्होंने जाति प्रमाण पत्र को रद्द नहीं किया है. श्रीमती एक्का ने अपनी याचिका में कहा है कि नाबोर एक्का और विक्टोरिया एक्का की शादी के बाद उनका जन्म हुआ. पिता नाबोर एक्का की मौत के बाद उनकी मां विक्टोरिया एक्का ने सोहर नाथ महतो से शादी की. वह मूलत: ओबीसी जाति से हैं.
शादी के समय उन्होंने धर्म बदल कर ईसाईयत कबूल की और अपना नया नाम विजय एक्का रख लिया. इस आधार पर मेरे जाति प्रमाण पत्र को चुनौती देते हुए यह कहा गया कि मैं उरांव जाति से नहीं हूं. हाइकोर्ट ने जाति पर उभरे विवाद पर सरकार द्वारा गठित कास्ट स्क्रूटनी समिति की राय लेने का निर्देश दिया था. न्यायालय के आदेश के आलोक में सरकार ने कल्याण विभाग के अधीन गठित कास्ट स्क्रूटनी समिति को मामले में अपनी राय देने का निर्देश दिया है.