मैक्लुस्कीगंज. मैक्लुस्कीगंज में ठंड का मौसम और वर्षान्त पर पर्यटकों-सैलानियों का आना शुरू हो गया है. वहीं शक्तिपुंज एक्सप्रेस ट्रेन के ठहराव सुनिश्चित होने के बाद पश्चिम बंगाल से पर्यटकों के आने का सिलसिला जोरो पर है. क्रिसमस व नववर्ष के अवसर पर कोलकाता से नवोजित चक्रवर्ती (सेवानिवृत्त एडिशनल डायरेक्टर, प्लैनिंग डिपार्टमेंट वेस्ट बंगाल सरकार) जोयदीप दासगुप्ता (डीजीएम एसबीआई) संजय मुखर्जी (सीनियर शिक्षक), सुब्रता दास (सेवानिवृत्त सेलेक्शन इंजीनियर, आईजीएमके) अपने मित्रों व परिजनों संग जोभिया स्थित राणा कंट्री कॉटेज पहुंचे. वहीं कोलकाता से ही प्रोफेसर अर्णव चौधरी अपने परिवार संग गंज जोभिया स्थित गुलमोहर गेस्ट में आये थे. मैक्लुस्कीगंज पहुंचे पर्यटकों अपने दल व परिवार संग आपसी सौहार्द का प्रतीक दुल्ली स्थित सर्वधर्म स्थल जहां (मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, गिरजाघर एक ही परिसर में है) डेगाडेगी नदी, चट्टीनदी, गंज के ऐतिहासिक बंगलो व गंज के इतिहास से रूबरू हुए. वॉच टॉवर से सूर्योदय व सूर्यास्त के रमणीक दृश्य का आनंद लिया. प्रातः भ्रमण पर निकले लोगों ने मैक्लुस्कीगंज एवं आसपास के खेत-खलिहान, पौधों आदि पर ओस की बूंद साफ -साफ देखा. सम्भवतः इसी नजारे को देखने के लिए हर वर्ष पर्यटकों का जमावड़ा मैक्लुस्कीगंज में जाड़े के दिनों में रहता है.
उधर बंगाल से मैक्लुस्कीगंज आने वाले पर्यटकों ने बैक फीडिंग भी दिया है. उन्होंने कहा कि मैक्लुस्कीगंज से पश्चिम बंगाल का जुड़ाव दशकों पुराना है. गंज के ऐतिहासिक धरोहरों को संजोय रखने की जरूरत है. पर्यटकों के लिए पब्लिक शौचालय नहीं है, जिससे उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. पर्यटन विभाग को इस ओर ध्यान देनी चाहिए.फ़ोटो1 – गुलमोहर गेस्ट हाउस जोभिया परिसर में पश्चिम बंगाल से अर्णव चौधरी परिजनों संग.
फ़ोटो 2- राणा कंट्री कॉटेज परिसर में कोलकाता से सैलानियों के दल.
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