वरीय संवाददाता, रांची. पर्यटन विभाग के नाम पर फर्जी तरीके से एकाउंट खोलकर विभाग के 10,40,07,496 रुपये गबन करने से जुड़े केस में पश्चिम बंगाल के अलीपुर निवासी संजय कसेरा की कंपनी और आधंप्रदेश निवासी एक व्यक्ति के एकाउंट में पैसे ट्रांसफर किये गये थे. इस बात का खुलासा सीआइडी की जांच के दौरान हुआ है. संजय कसेरा शिवदूत नामक कंपनी के निदेशक हैं. शिकायतकर्ता ने कोर्ट को बताया था कि इनकी कंपनी को एक दूसरी कंपनी से 24 लाख रुपये आरटीजीएस के जरिये मिले थे. लेकिन जांच के दौरान इनके एकाउंट को फ्रीज कर दिया गया था. जब इनके प्रतिनिधि द्वारा मामले की जानकारी साइबर थाना की पुलिस को दी गयी, तब उनके एकाउंट को अनफ्रीज किया गया. लेकिन 17,31,885 रुपये की निकासी पर रोक जारी रही. संजय कसेरा ने पूरे मामले में अपनी संलिप्तता से इंकार किया था. बाद में सीआइडी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि उक्त 17,31,885 रुपये पर्यटन विभाग की गबन की गयी राशि है. संजय कसेरा की कंपनी के एकाउंट में यह पैसे तीसरे लेयर में जमा हुए हैं. इसलिए इस पैसे को संजय कसेरा को निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. इसलिए मामले में सीआइडी की रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने रुपये की निकासी पर रोक लगा दी है. वहीं दूसरी ओर आंध्रप्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिला निवासी वेदूपल्ली लीला कृष्णा के एकाउंट में 50 हजार रुपये ट्रासंफर हुए थे. इस संबंध में वेदूपल्ली ने बताया कि वह पेशे से अधिवक्ता हैं और न्यायिक कार्यों के लिए फीस के रूप में उसके एकाउंट में 50 हजार रुपये ट्रांसफर किये गये थे. लेकिन जब कार्य पूरा नहीं हुआ, तो उन्होंने 43 हजार रुपये वापस कर दिये. अधिवक्ता ने पूरे केस में किसी प्रकार की संलिप्तता होने से इनकार किया था. वहीं सीआइडी ने कोर्ट को बताया है कि अधिवक्ता के एकाउंट में फ्रीज किये गये 50 हजार रुपये केस से जुड़े अपराध की राशि है. यह एकाउंट में तीसरे लेयर में जमा हुए थे. इसलिए कोर्ट ने इस मामले में रुपये की निकासी पर रोक लगा दी है.
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