13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

शराबियों के खिलाफ अभियान चलाने वाली संगीता अब कोरोना वरियर्स के रूप में कर रही है काम, मोबाइल बजते ही हो जाती है सजग

गांव में शराबबंदी को लेकर अभियान चलाने वाली सहिया संगीता कुमारी (26 वर्ष) इन दिनों कोरोना वरियर्स के रूप में काम कर रही है. मांडू प्रखंड के रतवे गांव की रहने वाली संगीता कोरेंटिन सेंटर में ड्यूटी दे रही है.

कुजू (रामगढ़) : गांव में शराबबंदी को लेकर अभियान चलाने वाली सहिया संगीता कुमारी (26 वर्ष) इन दिनों कोरोना वरियर्स के रूप में काम कर रही है. मांडू प्रखंड के रतवे गांव की रहने वाली संगीता कोरेंटिन सेंटर में ड्यूटी दे रही है. जैसे ही प्रवासी मजदूरों के आने की घंटी उसके मोबाइल में बजती है, वह पूरी तरह सजग होकर अपनी स्कूटी से निकल पड़ती है, ताकि गांव में कोरोना का संक्रमण किसी भी स्थिति में ना फैले. पढ़ें धनेश्वर प्रसाद की यह रिपोर्ट.

रतवे गांव की सहिया संगतीा कुमारी एक कोरोना वरियर्स है. गांव में कोरोना संक्रमण का फैलाव न हो, इसके लिए ग्रामीणों को जागरूक भी करती है और खुद भी सजग रहती है. पूरी ईमानदारी से अपना कर्तव्य पालन करने वाली संगीता कोरेंटिन सेंटर की पल- पल की रिपोर्ट प्रशासनिक अधिकारियों को देती है.

Also Read: कोरेंटिन में रह रहे प्रवासी श्रमिकों ने बदल दी झारखंड के एक स्कूल की सूरत

बता दें कि अपने गांव व आसपास के गांव में शराबबंदी की बात हो या बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के मामले में संगीता अपनी आवाज को हमेशा बुलंद करती रही है. इस तरह के अभियान से आसपास के गांव रतवे, बरमसिया, जमुनियाटांड़, आंबाटांड़, बलिया, नारायणपुर, करमा के लोग भी इसके साथ जुड़े हैं. शराबबंदी को लेकर जब- जब संगीता का अभियान चला, तब- तब तकरीबन 500 महिलाओं का कारवां चला है. अब संगीता कोरोना के प्रति लोगों को मास्क, हाथ की सफाई, सोशल डिस्टेंसिंग आदि को लेकर जागरूक करते दिख रही हैं.

पहले घरेलू हिंसा से ली शराबबंदी की प्ररेणा

संगीता बताती हैं कि उसके गांव तथा आसपास के इलाकों में पहले महुआ शराब के दर्जनों अवैध भट्ठियां चलते थे. गांव के बुजुर्गों के साथ युवा भी नशे के गिरफ्त में थे. शराबियों के कारण रोजाना महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार हो रही थीं. पति- पत्नी के बीच मामूली बातों को लेकर झगड़ा- झंझट से काफी होती थी. शराबी पतियों के खिलाफ उनकी पत्नियां बोलने के लिए हिम्मत नहीं जुटा पाती थी. तब जाकर संगीता को लगा कि कुछ करना चाहिए.

Also Read: कोरोना योद्धा : कोरोना संकट के बीच गुमला में डॉक्टर दंपती निभा रहे फर्ज

छात्र जीवन से ही गांव की पीड़ित महिलाओं को एकजुट कर शराबबंदी अभियान को लेकर जागरूक करने लगी. समाज द्वारा शराब पीने वालों पर जुर्माना लगाया जाने लगा. इससे गांव में शराबियों की कमी आयी. विशेष कर युवा वर्ग जो शराब की गिरफ्त में थे, उनमें काफी सुधार आया.

बाहर से आये प्रवासियों पर रख रही है विशेष नजर

सहिया के रूप में जिस रतवे पंचायत में वह कार्यरत है, वहां तकरीबन अभी तक 45 से 50 प्रवासी आ चुके हैं, जिसमें 3 कोरेंटिन सेंटर और शेष होम कोरेंटिन में हैं. इन प्रवासियों की निगरानी संगीता करती है. इसके अलावा रोजाना बाहर से आने वाले प्रवासियों पर भी विशेष नजर रखती है. महिला कॉलेज रामगढ़ से बीए की पढ़ाई पूरी करने वाली संगीता कहती हैं कि समाज सेवा करना ही लक्ष्य है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें