लीड) बंद है बलकुदरा आउटसोर्सिंग से कोयला उत्पादन लक्ष्य से पिछड़ सकता है भुरकुंडा परियोजना.भुरकुंडा. तीन अक्तूबर से बलकुदरा आउटसोर्सिंग से कोयला का उत्पादन ठप है. आउटसोर्सिंग को इस वित्तीय वर्ष में 3.5 लाख टन कोयले का उत्पादन करना था. एक मोटे अनुमान के तौर पर प्रतिदिन यहां से एक हजार टन कोयले का उत्पादन किया जाता था. विगत 11 दिनों से यहां से एक छटांक भी कोयले का उत्पादन नहीं हुआ है. इससे भुरकुंडा परियोजना का लक्ष्य प्रभावित होना तय है. इसका असर प्रक्षेत्र के उत्पादन लक्ष्य पर भी निश्चित तौर पर पड़ेगा. अगस्त 2015 से बलकुदरा से कोयला का उत्पादन कार्य शुरू हुआ था. अभी तक 24 हजार टन कोयले का उत्पादन हुआ था. आउटसोर्सिंग से निकलने वाले कोयले को सीसीएल सौंदा रेलवे साइडिंग भेजा जा रहा था. लेकिन अब साइडिंग तक कोयला नहीं जाने से साइडिंग पर भी प्रभाव पड़ रहा है. वर्ष 2016-17 में बलकुदरा को 6.5 लाख टन कोयला का उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. उत्पादन नहीं होने के मामले में सीसीएल प्रबंधन भी गंभीर है. प्रबंधन द्वारा बताया गया कि आउटसोर्सिंग से कोयला उत्पादन चालू करने के लिए हम लोग प्रयासरत हैं. गाैरतलब हो कि तीन अक्तूबर को बलकुदरा आउटसोर्सिंग में उग्रवादियों ने गोलीबाली व बमबाजी की थी. दहशत का माहौल.लगातार हुए गोलीबारी से बलकुदरा आउटसोर्सिंग कंपनी पीएलआर के बेस कैंप में अब भी दहशत का माहौल कायम है. यही वजह है कि कंपनी उत्पादन का काम नहीं कर रही है.
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लीड) बंद है बलकुदरा आउटसोर्सिंग से कोयला उत्पादन
लीड) बंद है बलकुदरा आउटसोर्सिंग से कोयला उत्पादन लक्ष्य से पिछड़ सकता है भुरकुंडा परियोजना.भुरकुंडा. तीन अक्तूबर से बलकुदरा आउटसोर्सिंग से कोयला का उत्पादन ठप है. आउटसोर्सिंग को इस वित्तीय वर्ष में 3.5 लाख टन कोयले का उत्पादन करना था. एक मोटे अनुमान के तौर पर प्रतिदिन यहां से एक हजार टन कोयले का उत्पादन […]
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