गिद्दी (हजारीबाग). पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की लापरवाही से रिकवा गांव में ग्रामीण जलापूर्ति योजना पिछले तीन वर्षों से ठप है. इसके कई सामान खराब हैं. इसकी जानकारी विभाग को है, लेकिन इसे चालू करने के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है. ग्राम जल स्वच्छता समिति का इस पर अपना तर्क है. विभाग का कहना है कि इसके संचालन की जिम्मेवारी समिति को सौंपी गयी है. बहरहाल, लोगों में विभाग के प्रति नाराजगी है. जानकारी के अनुसार, करोड़ों की लागत से रिकवा गांव में वर्ष 2018-19 में ग्रामीण जलापूर्ति योजना शुरू की गयी थी. इससे लगभग 250 घरों को पानी मिल रहा था. तीन वर्षों तक अभिकर्ता ने किसी तरह इसे संचालित किया. इसके बाद अभिकर्ता ने ग्राम जल स्वच्छता समिति को सौंप दिया. जल सहिया रेवती देवी का कहना है कि ट्रांसफॉर्मर व मोटर पंप को मरम्मत किये बगैर सौंपा गया था. अभिकर्ता ने इसे मरम्मत कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन उन्होंने नहीं किया. गांव के कई लोग इसके उपभोक्ता बनने के लिए भी तैयार नहीं है. जिसके कारण यह योजना यहां ठप पड़ी हुई है. जलसहिया रेवती देवी का कहना है कि गरमी के दिनों में नदी का पानी सूख जाता है. दूरगामी नजरिये से नदी में चेकडैम का निर्माण या फिर डीप बोरिंग होनी चाहिए थी, वह भी नहीं हुई. इसके कारण यह योजना यहां फ्लॉप हो गयी है. गांव में पानी की समस्या है, लेकिन कई लोग पानी का वैकल्पिक व्यवस्था कर लिया है. इसके कारण लोगों में इस योजना के प्रति दिलचस्पी कम है. मुखिया दासो मरांडी ने कहा कि गांव के लगभग 300 लोग उपभोक्ता बनेंगे, तभी इसे चालू कराया जा सकता है. यहां पर कई लोग उपभोक्ता बनने के लिए तैयार नहीं है. इसके कारण यह योजना चालू नहीं हो पा रही है. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कनीय अभियंता मणिकांत ने कहा कि अभिकर्ता ने यहां पर ग्रामीण जलापूर्ति योजना, ग्राम जल स्वच्छता समिति को सौंप दिया है. समिति इसे नहीं चला पा रही है. इसके लिए समिति ही जिम्मेवार है.
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