तीन महीने के अंदर नौकरी देने का प्रबंधन ने दिया आश्वासन
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बिरसा परियोजना का काम चार घंटे ठप
तीन महीने के अंदर नौकरी देने का प्रबंधन ने दिया आश्वासन उरीमारी : सीसीएल बरका-सयाल की न्यू बिरसा परियोजना में स्थानीय रैयत ग्रामीणों ने गुरुवार को मुआवजा व नौकरी की मांग को लेकर ट्रांसपोर्टिंग और संप्रेषण कार्य ठप कर दिया. रैयतों ने बताया कि हमारी जमीन का खाता संख्या 17, 48 और 76 है. हमारी […]
उरीमारी : सीसीएल बरका-सयाल की न्यू बिरसा परियोजना में स्थानीय रैयत ग्रामीणों ने गुरुवार को मुआवजा व नौकरी की मांग को लेकर ट्रांसपोर्टिंग और संप्रेषण कार्य ठप कर दिया. रैयतों ने बताया कि हमारी जमीन का खाता संख्या 17, 48 और 76 है. हमारी जमीन पर सीसीएल प्रबंधन द्वारा कोयला निकालने का काम किया जा रहा है.
रैयतों की जमीन जाने के एवज में प्रबंधन ने अभी तक नौकरी व मुआवजा नहीं दिया है. कई बार प्रबंधन से वार्ता हुई, लेकिन हर बार आश्वासन ही मिलता रहा है. करीब चार घंटे तक परियोजना बंद रहने के बाद प्रबंधन ने रैयतों से वार्ता की. प्रबंधन ने लिखित आश्वासन देते हुए कहा कि तीन माह के अंदर रैयतो को नियोजन दे दिया जायेगा. इसके बाद ग्रामीणों ने आंदोलन वापस ले लिया.
आंदोलन में लिट्टू गंझू, कृष्ण गंझू, विजय गंझू, अजय गंझू, बलराम गंझू, कुंती देवी, फुदवा देवी, विराजो देवी, आशा देवी, कोल्हा गंझू, सोहबतिया गंझू, भोला शामिल थे. वार्ता में प्रबंधन की ओर से पीओ डीके रामा, खान प्रबंधक रामेश्वर मुंडा, राकेश कुमार, ऋषभ कुमार, संतोष पासवान, विस्थापितों की ओर से सोनाराम मांझी, संजय करमाली, सूरज बेसरा, गणेश गंझू, संतोष सिंह, विनोद शामिल थे.
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