भुरकुंडा : पीवीयूएनएल के अड़ियल रूख के खिलाफ 25 फरवरी को गेगदा स्कूल में महापंचायत बुलायी गयी है. इस महापंचायत में पीटीपीएस से विस्थापित हुए 25 गांव के लोगों सहित राजनीतिक दल के नेताओं को भी आमंत्रित किया जायेगा. यह घोषणा विस्थापित प्रभावित संघर्ष मोर्चा ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस में की. मोर्चा नेताओं ने बताया कि अपने हक-अधिकार के लिए हमलोग लोकतांत्रिक तरीके से लड़ाई लड़ रहे हैं. पिछले दिनों पीवीयूएनएल गेट के समक्ष धरना-प्रदर्शन के बाद प्रबंधन को मांग पत्र सौंपा गया था. लेकिन प्रबंधन इस पर कदम उठाने के बजाय जबरन छाई डैम में स्वाइल टेस्टिंग करने पर अड़ा है.
प्रबंधन का यह रूख तानाशाही है. इस तानाशाही रवैये का विस्थापित ग्रामीण लगातार विरोध करते रहेंगे. यह भी कहा कि प्रबंधन ग्रामीणों के आंदोलन को कुचलने के लिए और भी कई तरह के हथकंडे अपना रहा है. लेकिन प्रबंधन की मंशा को हम कभी कामयाब नहीं होने देंगे. बताया गया कि मोर्चा ने वर्ष 2018 को निर्णायक वर्ष घोषित किया है. इसलिए उक्त महापंचायत में आगामी आंदोलन की रणनीति तैयार की जायेगी. मार्च महीने में महाआंदोलन किया जायेगा.
लोगों ने कहा कि पीवीयूएनएल के आने से लोगों के बीच रोजगार को लेकर आस जगी थी. लेकिन प्रबंधन ने अपनी नीतियों का खुलासा नहीं किया है. सिर्फ जबरन अपना काम करना चाहती है. प्रबंधन यदि प्लांट बनाना चाहती है, तो लोगों को रोजगार की गारंटी देनी होगी.
प्रेस कांफ्रेंस में कुमेल उरांव, आदित्यनारायण प्रसाद, भुवनेश्वर महतो, विजय साहू, राजराम प्रसाद, दुर्गाचरण प्रसाद, अब्दुल कयुम अंसारी, किशोर महतो, माधव प्रसाद, ननकू मुंडा, अनिल मुंडा, अलीम अंसारी, एम रहमान, मुमताज अंसारी, सुलेंद्र मुंडा, संदीप मुंडा, सूरज सोनी, नेपाल प्रजापति, राणाप्रताप सिंह, भरत मांझी, बादल कुमार, रवि मुंडा, मंटू कुमार, हीरालाल मुंडा, भगवान सिंह, सरोज गुप्ता समेत कई लोग उपस्थित थे.