Land Mutation Negligence: मेदिनीनगर(पलामू), चंद्रशेखर सिंह -दाखिल खारिज (म्यूटेशन) के मामलों को निर्धारित अवधि में निष्पादन नहीं करने के बजाय लंबित रखने को लेकर नीलांबर-पीतांबरपुर (लेस्लीगंज) के अंचल अधिकारी सहित तीन के खिलाफ डीसी शशिरंजन ने अर्थदंड (जुर्माना) लगाया है. अंचल अधिकारी सुनील कुमार सिंह, राजस्व उप निरीक्षक रितेश रंजन तिवारी व प्रभारी सीआई महेंद्र राम के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 65-65 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है. अर्थदंड की राशि संबंधित पदाधिकारी व कर्मी के वेतन से कोषागार से कटौती की जायेगी.
पलामू उपायुक्त शशि रंजन ने जतायी कड़ी नाराजगी
दाखिल खारिज के मामलों को लंबित रखने को लेकर पलामू उपायुक्त शशि रंजन ने कड़ी नाराजगी जतायी है. उन्होंने दाखिल खारिज के मामलों को निर्धारित अवधि में निष्पादन नहीं करने के बजाए लंबित रखने को लेकर नीलांबर-पीतांबरपुर के अंचल अधिकारी सहित तीन के विरुद्ध आज कार्रवाई की है. उन्होंने नीलांबर-पीतांबरपुर के अंचल अधिकारी सुनील कुमार सिंह, कर्मचारी व राजस्व उपनिरीक्षक रितेश रंजन तिवारी एवं प्रभारी सीआई महेंद्र राम के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए 65-65 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है. अर्थदंड की राशि संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मी के वेतन से कोषागार द्वारा कटौती की जायेगी. इनके विरुद्ध आरोप है कि दाखिल खारिज के लिए प्राप्त आवेदनों का ससमय निष्पादन नहीं किया, जबकि इसके लिए वरीय अधिकारियों का भी निदेश प्राप्त हुआ. दाखिल खारिज के 62 मामले नामांतरण करने की निर्धारित तिथि से अधिक समय तक लंबित रखने गये, जबकि सामान्य तौर पर 30 दिनों के अंदर दाखिल खारिज के मामलों का नामांतरण किया जाना है तथा आपत्ति के मामलों में 90 दिनों के अंदर नामांतरण करने का समय निर्धारित है. तीनों के विरुद्ध झारखंड राज्य सेवा देने की गारंटी अधिनियम 2011 के अंतर्गत कार्रवाई की गयी है. उपायुक्त शशि रंजन ने कहा कि पलामू वासियों को कठिनाई नहीं हो, इसके लिए प्रशासन सक्रिय रूप से कार्य कर रही है. विकास कार्यों की गति को शिथिल करने वालों के विरुद्ध आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी.
अपर समाहर्ता ने दी थी चेतावनी
दाखिल खारिज के मामलों का ससमय निष्पादन के लिए पलामू के अपर समाहर्ता द्वारा भी चेतावनी दी गयी थी. अपर समाहर्ता द्वारा 21 दिसंबर 2024 को कार्यालय का निरीक्षण के दौरान मामलों का ससमय निष्पादन का निर्देश दिया गया था. इसके बावजूद निष्पादन नहीं होने की स्थिति में अपर समाहर्ता द्वारा 8 फरवरी 2025 को बैठक के क्रम में चेतावनी दी गयी थी. इसके बावजूद भी इन 62 मामलों का निष्पादन ससमय नहीं किया गया.
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