25 वर्षों में नहीं हुआ खेल का अपेक्षित विकास प्रतिनिधि, मेदिनीनगर झारखंड राज्य के 25 वें स्थापना दिवस के अवसर पर प्रभात खबर ने शनिवार को जीएलए कॉलेज के खेल स्टेडियम में परिचर्चा का आयोजन किया. पलामू सहित झारखंड में खेल के विकास व खिलाड़ियों की प्रतिभा निखारने के लिए 25 वर्षों में सरकार के द्वारा किये गये कार्यों व नीतियों पर चर्चा की गयी.खेल एसोसिएशन, खेल प्रशिक्षकों व खिलाड़ियों ने खुलकर अपनी बातें रखी. उन्होंने कहा कि झारखंड में युवाओं की आबादी कम नहीं है. राज्य में खेल प्रतिभा की भी कमी नहीं है. लेकिन 25 वर्षों में खेल के विकास के क्षेत्र में अपेक्षित कार्य नहीं हुआ. हालांकि सरकार ने स्कूल, कॉलेजों में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं को खेल से जोड़ने के लिए प्रयास कर रही है. लेकिन सरकार का यह प्रयास कारगर साबित नहीं हो पा रहा है. स्कूल कॉलेजों में खेल के नाम पर सिर्फ कोरम पूरा किया जाता है. जबकि खेल प्रतिभा को निखारने के लिए संसाधनों के साथ-साथ खिलाड़ियों को सुविधा भी मिलनी चाहिए. देश-विदेश में खेल की महता को देखते हुए सरकार ने खेल के विकास की दिशा में काम करने की नीति तैयार की गयी. लेकिन वह धरातल पर उतरता नजर नहीं आ रहा है. खेल के विकास के लिए सरकार काफी खर्च कर रही है. लेकिन उसका सकारात्मक नतीजा सामने नहीं आ रहा है. सरकार की यह सोच है कि विद्यार्थी पढ़ाई के साथ खेल के क्षेत्र में भी पारंगत हो. जिस तरह झारखंड की धरती खनिज व वन संपदा से परिपूर्ण है. उसी तरह खेल के क्षेत्र में भी झारखंड पूरे देश में अव्वल स्थान हासिल करें. खेल प्रशिक्षकों व खिलाड़ियों ने सरकार को सुझाव दिया कि खेल नीतियों में बदलाव लाये और खेल प्रतिभा को निखारने में सक्रिय भागीदारी निभाने वाले खेल संघों को प्रोत्साहित करें. इसका सकारात्मक परिणाम सामने आयेगा और खेल प्रतिभा को निखारने में सहूलियत होगी. पलामू जिला क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि सरकार अपने स्तर से खेल के विकास के लिए प्रयत्नशील है. लेकिन राज्य के कई जिलों में संसाधनों का अभाव है. पलामू में खेल का विकास हो इसके लिए सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया. अफसोस की बात यह है कि 25 वर्षों में भी पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर में एक भी खेल का मैदान नही है. जहां खिलाड़ी अपनी प्रतिभा निखारने के लिए अभ्यास कर सके. पलामू जिला फुटबॉल एसोसिएशन के सचिव महेश तिवारी ने कहा कि खेल मैदान के अभाव में प्रतिभा कुंठित हो रही है. खेल प्रतिभा गढ़ने के लिए संसाधनों व आवश्यक सुविधा की आवश्यकता होती है. पलामू को छोड़कर अन्य जिलों में कई खेल स्टेडियम बने है. लेकिन पलामू में इसका अभाव है. सरकार के निर्देश पर सरकारी शिक्षण संस्थानों द्वारा समय-समय पर खेल प्रतियोगिता आयोजित की जाती है. लेकन यह सिर्फ कोरम पूरा होता है. जिस तरह शिक्षा के विकास के लिए नियमित पढ़ाई होती है. उसी तरह खेल प्रतिभा निखारने के लिए खिलाडि़यों को नियमित अभ्यास की जरूरत है. इसके लिए सरकार खेल संघों को संसाधन उपलब्ध कराये. पलामू जिला एथलेटिक्स एसोसिएशन के सचिव संजय कुमार त्रिपाठी ने कहा कि सरकार के द्वारा आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय खेलो झारखंड या विद्यालय स्तर की प्रतियोगिता में वे खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन करते हैं, जो खेल एसोसिएशन से प्रशिक्षण प्राप्त करते है. यदि सरकार वास्तव में खेल का विकास चाहती है, तो खेल एसोसिएशन को प्रोत्साहित करें और खिलाड़ियों के लिए आवश्यक संसाधन व सुविधा उपलब्ध कराये. इसके लिए सरकार ठोस नीति तैयार करें, ताकि झारखंड में खेल का तेजी से विकास हो और खेल प्रतिभा निखरें. कबड्डी खेल के प्रशिक्षक उपेंद्र कुमार ने कहा कि सुविधा व संसाधन के अभाव में खेल प्रतिभा नहीं निखर पा रही है. राज्य सरकार को खेल के विकास व खेल प्रतिभा को निखारने के लिए ठोस नीति तैयार करनी चाहिए. कुशल प्रशिक्षकों के देखरेख में खिलाड़ियों को प्रशिक्षण मिलेगा तभी प्रतिभा निखरेगी. एथलेटिक्स के प्रशिक्षक मोनू कुमार ने कहा कि सरकार खेल के विकास के लिए झारखंड में प्रयास कर रही है. इसके लिए खेल नीतियां बनायी गयी है.लेकिन खेल के विकास में जो परेशानी व कठिनाई सामने आ रही है उसका समाधान किया जाना आवश्यक है. खो- खो खेल के प्रशिक्षक प्रतिक कुमारी ने कहा कि पलामू में खेल प्रतिभा की कमी नहीं है. बालक-बालिका दोनों समान रूप से पढ़ाई के साथ खेल के क्षेत्र में दिलचस्पी ले रहे है. लेकिन उचित संसाधन व प्रशिक्षण के अभाव में खेल प्रतिभा कुंठित हो रही है. सरकार को चाहिए कि खेल के विकास व खिलाड़ियों की प्रतिभा निखारने के लिए आवश्यक संसाधन व सुविधा उपलब्ध कराये.
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