पाटन . प्रखंड क्षेत्र में अबुआ आवास योजना के लाभुकों के चयन में अनियमितता उजागर होने लगा है. प्रखंड के सगुना पंचायत के मुखिया मंजू देवी के खिलाफ इस योजना में गड़बड़ी करने व अयोग्य लाभुकों का चयन कर योजना का लाभ देने का आरोप लगा है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पलामू के उप विकास आयुक्त शब्बीर अहमद ने पाटन प्रखंड के सगुना पंचायत के मुखिया का वित्तीय शक्ति जब्त करने की अनुशंसा की है. डीडीसी ने पलामू डीसी के निर्देश पर जिला पंचायती राज पदाधिकारी को यह अनुशंसा पत्र भेजा है. मालूम हो कि राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने पाटन प्रखंड के सगुना पंचायत में अबुआ आवास योजना के लिए 11 व्यक्तियों के पात्रता सत्यापन को लेकर सूची उपलब्ध करायी थी. डीसी के निर्देश पर गठित जिला स्तरीय टीम ने इस सूची का सत्यापन किया. जांच के दौरान सात व्यक्ति को अयोग्य पाया गया. वित्त मंत्री के द्वारा पत्र के माध्यम से यह जानकारी दी गयी कि सगुना पंचायत के महेंद्र सिंह व रेणु देवी आर्थिक रूप से संपन्न है. उनके पास पक्का मकान व चारपहिया वाहन भी है. इसके बावजूद उन्हें आवास का लाभ दिया गया है. नियमों को ताक पर रखकर मुखिया ने अपने रिश्तेदारों व करीबी लोगों को अबुआ आवास योजना से लाभान्वित किया है. इस मामले की जांच में पाया गया कि महेंद्र सिंह व रेणु देवी आर्थिक रूप से समृद्ध है और वे मुखिया के रिश्तेदार हैं. जांच के दौरान टीम ने यह पाया कि मुखिया ने कई योग्य लाभुकों को आवास का लाभ देने से वंचित रखा. मुखिया ने संतु पांडेय, सतवंती देवी, सूर्यवंती देवी, वीरेंद्र सिंह को अयोग्य घोषित करते हुए प्रखंड कार्यालय को लिखित सूचना दी है. जबकि ये लोग वास्तव में आवास योजना का लाभ लेने के योग्य हैं. डीडीसी की रिपोर्ट के मुताबिक मुखिया द्वारा सरकार से प्राप्त आवास योजना के मार्गदर्शिका के विपरीत मनमाने तरीके से लाभुकों का चयन किया गया है.आर्थिक रूप से संपन्न लोगों को मुखिया ने आवास योजना का लाभ दिया है.इस मामले में नौ अप्रैल को मुखिया से स्पष्टीकरण मांगा गया था. मुखिया के द्वारा जो जवाब दिया गया. उससे प्रशासन संतुष्ट नही हुआ.इस मामले में डीडीसी ने सगुना पंचायत के मुखिया मंजू देवी की वितीय शक्ति जब्त कर आवश्यक कार्रवाई करने की अनुशंसा की है.
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