पलामू (हरिहरगंज) :झारखंड में पलामू के पीपरा पहुंचे डीजीपी डीके पांडेय ने आज विकास व शांति के वातावरण में आने वाले गतिरोध को दूर कर शांति व विकास का माहौल कायम रखने के प्रति पुलिस के संकल्प को दोहराया है. डीजीपीडीके पांडेय शुक्रवार को पलामू के घोर उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र पिपरा के सरैया पंचायत के पिठौरा गांव पहुंचे थे. गौर हो कि गुरुवार को पिठौरा गांव में चल रहें सड़क निर्माण कार्य में लगे 11 ट्रैक्टर, एक जेसीबी व एकबाइक को माओवादियों ने फुंक दिया था.
इस घटना के बाद शुक्रवार को डीजीपी घटना स्थल पर पहुंचे. डीजीपी के साथ पलामू के पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा भी थे. डीजीपी श्री पांडेय ने कहा कि उग्रवाद प्रभावित इलाकों में विकास के जो भी कार्य हो रहें है. उसके में किसी प्रकार के कोई गतिरोध न आये इसके लिए सुरक्षा उपलब्ध कराया जायेगा. पूर्व में भी संवेदकों को यह कहा गया है कि यदि उन्हें कही लगता है कि सुरक्षा की आवश्यकता है, तो पुलिस प्रशासन को बताये. सुरक्षा के इंतजाम किये जायेंगे.
डीजीपी ने सड़क निर्माण कार्य के संवेदक रामानंद सिंह से यह जानना चाहा कि क्या सुरक्षा मिलने में कोई परेशानी हुई? इस पर संवेदक द्वारा यह बताया गया कि पलामू के उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक द्वारा उनसे यह कहा गया था कि यदि सुरक्षा की जरूरत होगी तो बतायेंगे. सुरक्षा उपलब्ध करायी जायेगी. लेकिन उनके द्वारा उनके द्वारा सुरक्षा की मांग नहीं की गयी, उन्हें लगता था कि कार्य हो जायेगा. डीजीपी श्री पांडेय ने कहा कि सुरक्षा में कमी नहीं होने दी जायेगी.
दरअसल, झारखंड में पुलिस की सक्रियता के कारण माओवादी लगातार कमजोर पड़ रहे है. ऐसे में संगठन के लोग अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए इस तरह की घटना को अंजाम दे रहें है. संगठन में आपसी फुट की घटनाबढ़ी है, तीन माओवादी इसी में मारे गये. घटना स्थल पर दौरा के दौरान डीजीपी ने ग्रामीणों से बात की, बच्चों के साथ वक्त बिताये, कहा कि अगली बार जब वह सड़क बनने के बाद यहां गांव में आयेंगे तो अपने साथ टीफिन व खेलने का समान बच्चों के लिए लायेंगे.
वहां मौजूद बच्चों के साथ डीजीपी ने भारत माता की जय के नारे भी लगाये. बच्चों को कहा मेहनत करें, पुलिस बने, समाज में शांति, विकास का माहौल कायम करने में अपना योगदान दें. कहा गया कि जो ट्रैक्टर जला है उसमें यदि बीमा होगा तो उसकी प्रक्रिया ससमय निपटाया जायेगा. ताकि बीमा राशि मिले वहीं जो ट्रैक्टर का बीमा नहीं होगा उसकी मरम्मती संवेदक द्वारा करायी जायेगी.
पीपरा थाना प्रभारी को निशाने पर लेने की थी योजना
पीपरा के पिठौरा गांव में गुरूवार की जो घटना हुई. उसमें पीपरा थाना प्रभारी महानंद सुरीन को ट्रैप करने की योजना माओवादियों ने तैयार की थी. इस तरह की सूचना पुलिस को भी मिली है. पुलिस सूत्रों की माने तो गुरुवार को पिठौरा गांव के कुछ दूर पर सेविका का चयन था. वहां शांति व्यवस्था कायम रहें. इसे लेकर ग्राम सभा के दौरान पुलिस के साथ थाना प्रभारी भी गये थे. वहां से पुलिस बल के लौटने के कुछ देर के बाद माओवादियों ने घटना को अंजाम दिया था. ताकि पुलिस सूचना पाकर तत्काल वहां पहुंचे ताकि वे लोग निशाना बना सकें. लेकिन पुलिस ने तत्काल इलाके में ऑपरेशन शुरू किया.
यदि पुलिस पार्टी जाती थी तो हो सकता था कि माओवादी उसे अपने निशाने पर ले लेते. क्योंकि कहा यह जा रहा है कि घटना के बाद एक घंटे तक माओवादी वहां जमे हुए थे. जिस इलाके में यह घटना हुई वह बिहार के औरंगाबाद जिले के टंडवा थाना से दो किलोमीटर पर है. जबकि पलामू के पीपरा थाना से इसकी दूरी लगभग 10 किलोमीटर है.