मेदिनीनगर. राज्य सरकार के द्वारा पलामू जिले में एक लाख 17 हजार लोगों को फसल बीमा कराने का लक्ष्य दिया गया था. लेकिन तीन लाख 10 हजार 838 आवेदन प्राप्त हुआ है. पलामू डीसी शशि रंजन ने समीक्षा के दौरान पाया कि लक्ष्य से करीब तीन गुना अधिक आवेदन प्राप्त हुआ है. इस मामले में डीसी ने जांच का आदेश दिया था. राज्य सरकार के निर्देश पर खरीफ फसल का बीमा किया जा रहा है. एचडीएफसी ईरगो कंपनी को पलामू में फसल बीमा कराने की जिम्मेवारी दी गयी है. विभाग ने डीसी के आदेश पर जांच के लिए सभी अंचल के सीओ को आवेदन भेजा था. जिसमें से मात्र 88 हजार 82 आवेदन ही सही पाये गये. दो लाख 22 हजार 756 आवेदन फर्जी पाये गये. जानकारी के अनुसार पहली बार में 15 अगस्त से लेकर 31 अगस्त 2024 तक फसल बीमा किया जा रहा था. जबकि दूसरी बार में इसे बढ़ा कर 15 सितंबर तक किया गया था.
आच्छादित भूमि से ज्यादा का किया गया था फसल बीमा
कृषि विभाग के रिपोर्ट के अनुसार जिले में आच्छादित भूमि 67 हजार 308 हेक्टेयर है. लेकिन कंपनी के द्वारा दो लाख 32 हजार 213. 77 हेक्टेयर भूमि का फसल बीमा का रजिस्ट्रेशन किया गया था. इसे लेकर डिस्ट्रिक्ट लेवल मॉनिटरिंग कमेटी के अध्यक्ष डीसी शशि रंजन ने सभी अधिकारियों को जांच कर 15 दिन के अंदर में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया था. डीसी ने अधिकारियों से जानकारी ली थी कि कृषि विभाग के द्वारा आच्छादित भूमि 67 हजार 308 हेक्टेयर है, तो इससे तीन गुना से ज्यादा भूमि का फसल बीमा कैसे किया गया. उन्होंने सभी अंचल के सीओ को भूमि जांच कर 15 दिन के अंदर में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था.
कैसे की गयी है गड़बड़ी
जानकारी के अनुसार एक जमीन का कई बार फसल बीमा कर दिया गया है. जिसमें जमीन एक, गांव एक, पंचायत एक, लेकिन उस घर में जितने परिवार के सदस्य हैं. उन सभी के द्वारा एक ही जमीन का अलग-अलग बीमा कर दिया गया है. कई किसानों ने तो यदि किसी के पास पांच एकड़ जमीन है. उसका उन्होंने ढाई गुना ज्यादा पांच हेक्टेयर का बीमा करा दिया है.
जांच के बाद किस प्रखंड में कितनी भूमि का किया गया बीमा
बीमा कंपनी के अनुसार 310838 आवेदन फसल बीमा के लिए दिया गया है. जिसके माध्यम से दो लाख 32 हजार 213.77 हेक्टेयर भूमि का फसल बीमा किया गया है. लेकिन जांच के बाद 88 हजार 82 आवेदन को ही स्वीकृत किया गया है. जिसके तहत 53 हजार 68 हेक्टेयर भूमि का बीमा किया गया है. जिसमें मक्का के लिए 27328 आवेदन को स्वीकृत किया गया है. भूमि के मामले में 11293.65 हेक्टेयर भूमि शामिल है. वहीं धान के लिए 60754 आवेदन स्वीकृत किये गये हैं. जिसमें 41774. 54 हेक्टेयर भूमि शामिल है.
फसल बीमा के लिए डुप्लीकेसी ना करें : डीसीओ
जिला सहकारिता पदाधिकारी उमेश कुमार सिन्हा ने कहा कि किसी भी किसान को फसल बीमा कराने के लिए डुप्लीकेसी नहीं करना चाहिए. जो भी किसान फसल बीमा कराते हैं. उन्हें पूरा कागजात लगाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए फिर से जुलाई से फसल बीमा शुरू किया जायेगा. इसलिए किसानों के द्वारा सही आवेदन भरा जाना चाहिए.
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