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दिव्यांगता किसी भी क्षेत्र में बाधक नहीं

दिव्यांगों के लिए चलंत न्यायालय सह जागरूकता शिविर में बोले सतीश चंद्रा मेदिनीनगर : राज्य के नि:शक्तता आयुक्त सतीशचंद्रा ने कहा कि दिव्यांगता किसी क्षेत्र में बाधक नहीं है. दिव्यांगों को सशक्त व उनके अधिकारों के संरक्षण के लिए दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 बनाया गया है. पूर्व में दिव्यांगजनों का प्रकार सात था, लेकिन इस […]

दिव्यांगों के लिए चलंत न्यायालय सह जागरूकता शिविर में बोले सतीश चंद्रा

मेदिनीनगर : राज्य के नि:शक्तता आयुक्त सतीशचंद्रा ने कहा कि दिव्यांगता किसी क्षेत्र में बाधक नहीं है. दिव्यांगों को सशक्त व उनके अधिकारों के संरक्षण के लिए दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 बनाया गया है. पूर्व में दिव्यांगजनों का प्रकार सात था, लेकिन इस अधिनियम के तहत दिव्यांगता के 21 प्रकार एवं उसके पहचान के लक्षण बताये गये हैं.
दिव्यांगजनों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए सरकार ने अधिनियम बनाया है. इस अधिनियम के प्रावधान के मुताबिक नौकरी, विश्वविद्यालय, तकनीकी आदि शिक्षण संस्थानों में दिव्यांगजनों को आरक्षण प्राप्त है. नि:शक्तता आयुक्त श्री चंद्रा गुरुवार को मेदिनीनगर के टाउन हॉल में दिव्यांगों के लिए चलंत न्यायालय सह जागरूकता शिविर में बोल रहे थे. इस शिविर का आयोजन जिला समाज कल्याण शाखा द्वारा किया गया था.
इस शिविर में दिव्यांगों की समस्या सुनी गयी और उसका निष्पादन भी किया गया. शिविर में राज्य नि:शक्तता आयुक्त ने कहा कि शिविर के माध्यम से अधिकारों का संरक्षण संबंधित शिकायतों का निष्पादन किया जा रहा है. यदि इसे बेहतर बनाने के लिए दिव्यांगों के मन में भी कोई सुझाव है तो वह दे सकते है.
सुझाव पर अमल किया जायेगा. बताया कि स्वामी विवेकानंद निःशक्त स्वावलंबन प्रोत्साहन योजना और इंदिरा गांधी विकलांगता पेंशन योजना का लाभ दिव्यांगजनों को मिल रहा है. इस योजना से 9.5 हजार दिव्यांग लाभान्वित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को बैंकों से 50 हजार रुपये का लोन बिना गारंटर के दिया जायेगा. कभी भी दिव्यांगों को अपने मन में हीन भावना नहीं लानी चाहिए, बल्कि हमेशा अपने मन में हौसला और उड़ान को बनाये रखना चाहिए. प्रधानमंत्री आवास योजना में पांच प्रतिशत (यूनिट) दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित है.
शिविर में एसडीओ नंदकिशोर गुप्ता ने कहा कि शिविर का उद्देश्य सरकारी योजना का लाभ देकर दिव्यांगों को मुख्य धारा में लाना है. सिविल सर्जन डॉ जॉन एफ केनेडी ने कहा कि दिव्यांगता प्रमाण पत्र डॉक्टरों की टीम बना रही है. सरकार का उद्देश्य है कि दिव्यांगजन समाज की मुख्य धारा में रहें और कभी अपने को कमजोर व लाचार न समझें. विशेष कार्य पदाधिकारी निलीशा कुमारी ने कहा कि दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण के लिए सरकार गंभीर है.
जिला समाज कल्याण पदाधिकारी शत्रुंजय कुमार ने कहा कि स्वामी विवेकानंद निःशक्त स्वावलंबन प्रोत्साहन योजना अब सामाजिक सुरक्षा से भुगतान होगा. पेंशन योजना की लंबित राशि शीघ्र दी जायेगी.
शिविर में राज्य निःशक्तता आयुक्त कार्यालय के शिकायत निवारण पदाधिकारी कंचन सिंह, जिला शिक्षा अधीक्षक मसूदी टुडू सहित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका, दिव्यांग संघ के प्रतिनिधि मौजूद थे.

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