मेदिनीनगर : छहमुहान स्थित जामा मसजिद के पेश इमाम मुफ्ती मोहम्मद शाहनवाज कासमी ने कहा कि रमजान का पवित्र महीना अपने आखिरी दौर में पहुंच चुका है. वे लोग बड़े ही खुशनसीब हैं,जो रमजानुल माहे मोबारक का एहतराम किया है. इसलाम धर्म में सभी स्वस्थ्य मुस्लमानों को रमजान माह में रोजा रखने का हुक्म है, […]
मेदिनीनगर : छहमुहान स्थित जामा मसजिद के पेश इमाम मुफ्ती मोहम्मद शाहनवाज कासमी ने कहा कि रमजान का पवित्र महीना अपने आखिरी दौर में पहुंच चुका है. वे लोग बड़े ही खुशनसीब हैं,जो रमजानुल माहे मोबारक का एहतराम किया है.
इसलाम धर्म में सभी स्वस्थ्य मुस्लमानों को रमजान माह में रोजा रखने का हुक्म है, जो लोग इस पवित्र माह के महत्व को समझते हैं, वे रोजा रखते हैं. लेकिन उनलोगों का ही रोजा कबूल होता है, जो नेक नियत के साथ एक माह तक रोजा रखते हुए अल्लाह की इबादत में अपना समय गुजारते हैं. तरावीह की नमाज अदा करते हैं और फितरा अदा करते हैं.
उन्होंने कहा कि ऐसे ही वंदे के ऊपर अल्लाह की रहमत बरसती है. ईद का दिन करीब आ गया है.एक माह तक रोजा रखकर नेक नियत से इबादत करने वाले इंसानों को अल्लाह खुशी का अवसर प्रदान करेगा. उस दिन अल्लाह अपने वंदे को उसकी मजदूरी भी देगा. आर्थिक रूप से संपन्न सभी व्यक्ति को फितरा अदा करना वाजिब है. कहा कि ईद के दिन अहले सुबह उठना चाहिए. नित्य क्रिया से निवृत होकर स्नान करने के बाद साफ या नया कपड़ा धारण करना चाहिए. इत्र लगाने के बाद ईदगाह जाने से पहले कुछ मीठी चीज अवश्य खा लेना चाहिए.