विश्रामपुर: पडवा-गढ़वा एनएच 75 स्थित राजहारा गांव के लब्जी नदी पर नवनिर्मित उच्च स्तरीय पुल के स्लैब में कई जगहों पर लंबी दरार पड़ गयी है. साथ ही स्लैब क्षतिग्रस्त होकर कई जगहों पर बड़ी-बड़ी गड्ढे बन गये हैं, जो एक बड़ी अप्रिय घटना का संकेत दे रहा है. वहीं इस नवनिर्मित उच्चस्तरीय पुल के मध्य स्पैन के दो पाया भी क्षतिग्रस्त होने की सूचना है. जो निर्माण करा रहे संवेदक व विभागीय अभियंताओं की मिलीभगत से घटिया निर्माण कराये जाने की पोल खोलता है.
जानकारी के अनुसार एनएच चौड़ीकरण का कार्य कराने को ले चालीस के दशक में बने सभी पुल तोड़कर चौड़ीकरण किया जा रहा था, जिसे ले सड़क पर स्थित सभी पुल-पुलिया को भी तोड़ कर चौड़ीकरण का कार्य शुरू किया गया. इसी क्रम में अंग्रेज जमाने में राजहारा एनएच 75 स्थित लब्जी नदी पर बने पुल को भी त़ोड़कर चौड़ीकरण का कार्य 2015 में शुरू किया गया. पुल निर्माण के शुरुआती क्रम में ही लोगों की ओर से अनियमितता बरतने को ले सदैव विरोध किया जा रहा था. लेकिन किसी प्रकार का निर्माण कार्यों में सुधार नहीं की गयी. जो बनने के बाद सामने स्वरूप देखने को मिल रही है. नवनिर्मित उच्चस्तरीय पुल के स्लैब पर कई बड़े गड्ढे बन गये. साथ ही बड़ी दरार आ गयी. इतना ही नहीं पुल के दोनों साइड के एप्रोच भी अधूरा पड़ा है. इसपर बड़े-बड़े गड्ढे बन गये है.
निर्माण कार्य में बरती गयी अनियमितता : अनुज
नावा बाजार जिला पार्षद अनुज राम ने कहा कि राजहारा लब्जी पर बन रहे उच्चस्तरीय नवनिर्मित पुल में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गयी है. इसके लिए संवेदक के साथ-साथ विभागीय अभियंता बराबर का जिम्मेवार है. इसकी शिकायत विभागीय सचिव सहित मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव को लिखा जायेगा. यह क्षेत्र के लिए लाइफ लाइन है. नवनिर्मित पुल पर छह माह के भीतर दरार व गड्ढों का आना पुल की गुणवत्ता पर प्रश्न चिह्न खड़ा करता है.