22 मार्च प्रतिनिधि, महेशपुर प्रखंड के शहरग्राम में जल जीवन मिशन अंतर्गत विश्व जल दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर ग्रामीणों को जल संचय एवं जल संरक्षण को लेकर विस्तारपूर्वक जानकारी दी गयी. जलसहिया रुक्मिणी देवी ने बताया कि वर्षा जल को हम किस तरह से बचाकर उसका उपयोग कर सकते हैं. जलसहिया दीदी ने बताया कि विश्व में 100 प्रतिशत पानी में से 97.5% महासागर में नमक के पानी के रूप में है, 2.5% ताजे पानी के रूप में है. यहां तक के ताजा पानी में 68.9% बर्फ है और भूजल में 29.9 परसेंट मिट्टी की नामी के रूप में 0.9% और झीलों और नदियों में 0.3% है. विश्व स्तर पर केवल 8% ताजा पानी का उपयोग घरेलू उद्देश्य के लिए किया जाता हैस, जिसमें पीने के और खाना पकाने के उद्देश्य से शामिल हैं. 70% कृषि के लिए उपयोग किए जाते हैं. प्रति व्यक्ति रोजाना पीने के पानी की जरूरत 2 से 4 लीटर होती है, लेकिन एक व्यक्ति का एक दिन का खाना बनाने में 2000 से 5000 लीटर पानी लगता है. वहीं घरेलू स्तर पर ग्रामीणों को सूखता गड्ढा बनाने के लिए प्रेरित किया गया. बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण का ध्यान रखते हुए विद्यालय एवं आंगनबाड़ी अवस्थित जल एवं स्वच्छता के संसाधनों के रखरखाव के लिए सामुदायिक सहयोग के लिए आह्वान किया गया. मध्य विद्यालय शहरग्राम में भी बच्चों के बीच जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर फुल टेस्ट कीट के माध्यम से जल की जांच कर विस्तृत जानकारी दी गयी. मौके पर दर्जनों ग्रामीण व छात्र- छात्राएं मौजूद थे.
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