पाकुड़िया. रमजान के पहले जुमा की नमाज शुक्रवार को पाकुड़िया, पलियादाहा, सोरला, डोमनगड़िया , मोगलाबांध, जुगड़िया, ढेकीडूबा, आमकोना, लाकड़ापहाड़ी, राजपोखर के मस्जिदों में बड़े अकीदत और एहतराम के साथ अदा की गयी. जुमे की अजान से पहले ही रोजेदार अपने काम-काज छोड़कर मस्जिदों में पहुंच गये. अजान के बाद सुन्नतें अदा की. इस दौरान पेश इमाम ने रमजान की अहमियत, सवाब तथा दीनी बातों पर तकरीर की. कहा कि जो इंसान जान बूझकर रोजा छोड़ता है, जिंदगी भर भी अगर वह रोजा रखे तो उसके नुकसान की भरपाई नहीं होगी. बताया कि नमाज, जकात और हज का सवाब तो सबको मालूम है, लेकिन रोजे का सवाब केवल अल्लाह ही जानते है. खुतबा होने के बाद जमाअत के साथ जुमा की नमाज अदा की गई. इबादत के महीने रमजान में जुमे का महत्व काफी बढ़ जाता है. माना जाता है कि रोजा रखकर जो रोजेदार जुमे की नमाज अदा करते हैं उनपर अल्लाह की मेहरबानी रहती है. इस साल रमजान में कुल 4 जुमा होंगे, जिसमें आज पहला जुमा है. इस्लाम धर्म में पांच वक्त की नमाज अदा करना मुसलमानों पर फर्ज है. इनमें जुमे की नमाज का खास महत्व है, जो लोग जुमे की नमाज अदा करते हैं, उनके पूरे सप्ताह की गलतियों को अल्लाह माफ कर देते हैं.
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