पाकुड़. साइबर अपराध के खिलाफ शुक्रवार को पाकुड़ पॉलिटेक्निक कॉलेज में प्रभात खबर अखबार द्वारा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि डीसी मनीष कुमार, एसबीआई के चीफ मैनेजर अजय कुमार गिरी, प्रशिक्षु डीएसपी अजय आर्यन, पाकुड़ पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्रशासनिक पदाधिकारी निखिल चंद्रा, प्रिंसिपल डॉ ऋषिकेश गोस्वामी मौजूद थे. पाकुड़ पॉलिटेक्निक कॉलेज में कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें 300 से अधिक छात्र-छात्राएं मौजूद थे. कार्यक्रम के दौरान विषय प्रवेश कराते हुए प्रभात खबर के ब्यूरो चीफ रमेश भगत ने कहा कि साइबर ठगी एक प्रकार का अपराध है. इसमें इंटरनेट, कंप्यूटर, मोबाइल डिवाइस या अन्य डिजिटल तकनीक का उपयोग करके लोगों को धोखा दिया जाता है. इसका उद्देश्य पीड़ित से पैसा, व्यक्तिगत जानकारी या अन्य महत्वपूर्ण डेटा चुराना होता है. इसके लिए साइबर ठग फिशिंग, ऑनलाइन शॉपिंग फ्रॉड, सोशल मीडिया फ्रॉड, मैलवेयर और रैंसमवेयर, कॉल और एसएमएस स्कैम, आइडेंटिटी थेफ्ट, इन्वेस्टमेंट फ्रॉड के तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. पिछले तीन साल के आंकड़ों पर गौर करें तो साल 2022 में करीब 10 हजार करोड़ रुपये, साल 2023 में करीब 15 हजार करोड़ रुपये और साल 2024 में करीब 20 हजार करोड़ रुपये की साइबर ठगी हुई है. इससे समझा जा सकता है कि प्रभात खबर कितने अहम मुद्दों के खिलाफ जागरूकता अभियान चला रही है.
लालच में आने से ही लोग होते हैं साइबर ठगी के शिकार : डीसी
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीसी मनीष कुमार ने कहा कि लालच में आने से ही लोग साइबर ठगी के शिकार होते हैं. हमें लालच व शॉर्टकट तरीके से पैसे कमाने की योजना से दूर रहने की जरूरत है. साइबर ठगी किसी के साथ भी हो सकती है, इसे समझने की जरूरत है. इसलिए कोई आपसे आधार नंबर या ओटीपी पिन मांगता है तो सावधान हो जाएं. यदि कोई आपके किसी परिचित की आवाज में या आपके माता-पिता-भाई की आवाज में बात करता है और पैसे की मांग करता है तो अपने परिजनों के साथ कोई कोड बना लें ताकि एक-दूसरे को पहचाना जा सके. इससे भी साइबर ठगी से बचा जा सकता है. प्रभात खबर का यह अभियान काफी अच्छा है. इससे लोगों में जागरूकता बढ़ेगी और लोग साइबर ठगी का शिकार होने से बचेंगे. वहीं उन्होंने कार्यक्रम के दौरान पाकुड़ में चल रही योजनाओं को लेकर भी बच्चों संग चर्चा की.18000009 और 18001234 नंबर पर कॉल करने से एसबीआई भी करती है मदद : चीफ मैनेजर
एसबीआई पाकुड़ के चीफ मैनेजर अजय कुमार गिरी ने जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जब एटीएम कार्ड का प्रचलन काफी था तो लोग एटीएम क्लोन से परेशान थे. एटीएम मशीन में ऊपर से डिवाइस लगाकर एटीएम का क्लोन तैयार कर लिया जाता था, उसके बाद एटीएम से पैसा निकाल लिया जाता था. अब तकनीक के बदलने के साथ ही हो सकता है कि कोई आपके माता-पिता या भाई की आवाज में ही आपसे पैसे मांग ले तो आप कोई पासवर्ड बना लीजिये और जैसे कि मेरा मेरे पापा का जन्म तिथि क्या है. इससे आप तुरंत साइबर फ्राॅड से बच सकते हैं. वहीं साइबर ठगी की स्थिति में एसबीआई ने अपने ग्राहकों के लिए टॉल फ्री नंबर जारी किया है. 1800 0009 और 1800 1234 पर कॉल करके भी आप अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इससे आपका खाता फ्रिज कर दिया जाएगा और आपके खाते से और निकासी नहीं हो पायेगी. इसी तरह यदि आप दो मोबाइल या नंबर इस्तेमाल करते हैं तो आधार नंबर से जुड़े मोबाइल को शॉपिंग के लिए इस्तेमाल करने से बचने से आपको सहूलियत हो सकती है. यह आपके डेटा को सुरक्षित रखने से लेकर आपके एकाउंट को भी सुरक्षित रख सकता है.साइबर अपराधी सेवानिवृत्त लोगों को कर रहे हैं अधिक टारगेट : निखिल चंद्रा
पाकुड़ पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्रशासनिक पदाधिकारी निखिल चंद्रा ने कहा कि साइबर क्राइम का इतना विस्तार हो गया है कि इससे कोई भी अछूता नहीं है. आये दिन इस तरह की शिकायतें सामने आ रही हैं. साइबर अपराधी वैसे लोगों को टारगेट करते हैं, जिनके अकाउंट में काफी राशि रहती है या फिर वैसे लोग जो सेवानिवृत्त होते हैं. अपने आसपास व परिवार को साइबर क्राइम के बारे में जागरूक करें.परिवार व आसपास के लोगों को करें जागरूक : प्रिंसिपल
पाकुड़ पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ ऋषिकेश गोस्वामी ने कहा कि अपने आसपास व परिवार को साइबर क्राइम के बारे में जागरूक करें. तीन सावधानियां बरतें, जिससे हम सभी मिलकर साइबर अपराधियों को मात दे सकते हैं. साइबर क्राइम इन दिनों तीन कारणों के कारण हो रहा है, जिसमें लालच, डर व अज्ञानता शामिल है. इन तीनों से दूर रहें, तो साइबर क्राइम से बच सकते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है