विडंबना. 20 वर्षों से नहीं हो रही पानी की बरबादी रोकने की कोई व्यवस्था
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चापाकल से स्वत: निकल रहा पानी
विडंबना. 20 वर्षों से नहीं हो रही पानी की बरबादी रोकने की कोई व्यवस्था बरहरवा : सरकार जल संरक्षण के लिये प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये खर्च करती है. फिर भी पेयजल के लिये लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. कहीं-कहीं तो घंटों इंतजार करने के बाद मुश्किल से पीने योग्य पानी नसीब हो पाता […]
बरहरवा : सरकार जल संरक्षण के लिये प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये खर्च करती है. फिर भी पेयजल के लिये लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. कहीं-कहीं तो घंटों इंतजार करने के बाद मुश्किल से पीने योग्य पानी नसीब हो पाता है. वहीं उधवा प्रखंड क्षेत्र के आतापुर पंचायत अंतर्गत नवपाड़ा गांव में प्रत्येक दिन हजारों लीटर पानी बरबाद हो रहा है.
यहां सबसे बड़ी आश्चर्य की बात यह है कि चापाकल से पिछले 20 वर्ष से पानी अपने-आप गिर रहा है. चापाकल चलाने की जरूरत नहीं होती. गांव में तीन चापाकल है और तीनों में स्वत: पानी गिरते रहता है. जिसमें से एक गंभीरतला मंदिर के समीप व दूसरा बंगालीपाड़ा का चापाकल है. वहीं तीसरा तारक सिंह के घर का चापाकल है. उक्त तीनों चापाकलों से अब तक लाखों लीटर पानी बरबाद हो चुका है.
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