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कागजों में सिमटी सांसद आदर्श ग्राम योजना

अभाव . सांसद की ओर से गोद लिये जाने के एक साल बाद भी लखनपुर की सूरत जस की तस – गांव में है बुनियादी सुविधाओं का अभाव – गांव के विकास को लेकर सांसद लगा रहे हैं सरकार पर उपेक्षा का आरोप राजकुमार कुशवाहा, पाकुड़ :राज्य में सांसद द्वारा गोद लिय गये गांवों की […]

अभाव . सांसद की ओर से गोद लिये जाने के एक साल बाद भी लखनपुर की सूरत जस की तस
– गांव में है बुनियादी सुविधाओं का अभाव
– गांव के विकास को लेकर सांसद लगा रहे हैं सरकार पर उपेक्षा का आरोप
राजकुमार कुशवाहा,
पाकुड़ :राज्य में सांसद द्वारा गोद लिय गये गांवों की स्थिति कमोवेश सभी जगहों पर एक जैसी ही है. महज घोषणा को खानापूर्ति कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी. यही हाल सांसद विजय हांसदा द्वारा गोद लिये गये गांव लखनपुर का भी है. लगभग एक साल पूरा हो जाने के बाद भी स्थिति कमोवेश जस की तस है.
गांव के लोगों को न तो पेयजल, सड़क, चिकित्सा व शिक्षा का ही लाभ मिल रहा है और न ही विकास योजनाओं को ही धरातल पर ही उतारा जा सका है. गांव के चयन के बाद ग्रामीणों में एक आस जगी थी मगर उसका कोई लाभ नहीं मिल पाया.
केवल कागजों पर ही तैयार है योजनाएं
सांसद आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत चयनित लखनपुर गांव के सर्वांगीण विकास को लेकर लखनपुर के प्रधान टोला व नीचे टोला गांव में डीप बोरिंग के साथ सभी घरों में पाइप लाइन जलापूर्ति की व्यवस्था, लखनपुर गांव के सभी घरों में व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण तथा दोनों टोला में चापानल का निर्माण, 33 ग्रामीणों को आवास की सुविधा उपलब्ध कराना आदि की योजनाआें की रूपरेखा तैयार है मगर उसका लाभ कितना मिल पायेगा.
ये तो वक्त ही बतायेगा. इसके अलावे तालझारी पंचायत के बांसकोला, विराजपुर, तेतुलभीठा, पांदनभीठा, तीलभीठा, छोटामजडीहा, कुसुमघाटी, पतरापाड़ा, खांडोबासा, राजापानी, रक्सी, धड़धड़िया, सिंगाटांड़, तालझारी, बरमसिया, मजडीहा, डूमरिया, सरायबिंधा व झिकराबांध गांव में भी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था कराये जाने को लेकर उपरोक्त योजनाओं सहित जरूरत के अनुसार अन्य योजनाओं का भी चयन किया गया है.
आज भी मरीज खटिया पर लद कर जाते हैं इलाज को
सांसद श्री हांसदा द्वारा चयनित लखनपुर गांव तक पहुंचने के लिए सड़क सुविधा नहीं है. गांव से लगभग तीन किलोमीटर की दूरी तक सड़क की स्थिति काफी खराब है. गांव तक पहुंचने के लिए आज भी कच्ची सड़क है.
खास कर बरसात के समय गांव तक पहुंच पाना लोगों को काफी मुश्किल होता है. गांव की स्वास्थ्य सहिया फुलमुनी हांसदा के मुताबिक सड़क नहीं बनने के कारण गांव तक कोई भी वाहन नहीं आ पाता है. खास कर गर्भवती महिलाओं को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाने के लिए खटिया का सहारा ले कर पहाड़ से लगभग तीन किलोमीटर तक पैदल नीचे लाया जाता है.
पेयजल है बड़ी समस्या
लखनपुर गांव के प्रधान टोला की आबादी लगभग 250 है. इस गांव के लोगों के लिए सबसे बड़ी चुनौती पेयजल की है. गांव में मात्र एक चापानल है जो काफी कम पानी उगलता है.
ऐसे गांव के लोग लगभग आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित पहाड़ पर बने खांडोबासा झरना के गंदे पानी पर निर्भर हैं. खास कर गर्मी के दिनों में उक्त झरने में ग्रामीणों द्वारा बनाये गये गड्ढे से पानी भरने को लेकर अहले सुबह करीब तीन बजे से नंबर लगाया जाता है. गांव के लोग वर्तमान में गांव के समीप स्थित आहारनाला में जमे कुछ पानी का उपयोग घरेलू कार्यों में करते हैं.
स्वास्थ्य सुविधा का हाल बेहाल
गांव से लगभग चार किलोमीटर की दूरी पर एक उपस्वास्थ्य केंद्र तो है परंतु स्वास्थ्य सुविधा की वहां कोई व्यवस्था नहीं है. खास कर रात्रि के समय में उपस्वास्थ्य केंद्र पूरी तरह बंद रहता है. ग्रामीण बीमार पड़ने पर या तो लिट्टीपाड़ा पहुंचते हैं या फिर बेहतर इलाज के लिए बाहर चले जाते हैं.
कहते हैं सांसद
सांसद विजय हांसदा का कहना है कि सरकार द्वारा बड़ी-बड़ी योजनाओं की घोषणाएं तो की गई है. परंतु की गई घोषणाओं के आधार पर योजनाओं को धरातल पर उतारे जाने को लेकर कोई पहल नहीं की गई है.
उन्होंने कहा कि सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत मैंने क्षेत्र के सबसे पिछड़े इलाके का चयन इसलिए किया था कि वहां के लोग भी बुनियादी सुविधाओं को पा सके. परंतु सरकार की उदासीनता के कारण योजनाओं को धरातल पर उतारने में कठिनाई हो रही है. उन्होंने कहा कि क्षेत्र के विकास को लेकर सांसद निधि से उन्होंने योजनाओं को धरातल पर उतारने का प्रयास किया जा रहा है.
कहते हैं बीडीओ
प्रखंड विकास पदाधिकारी पतना मुकेश कुमार ने कहा कि वर्तमान में मनरेगा योजना व अन्य योजनाओं के तहत क्षेत्र का विकास किया जा रहा है. जहां तक सांसद आदर्श ग्राम योजना का मामला है. इसे लेकर तालझारी पंचायत के गांवों के सर्वांगीण विकास को लेकर रूपरेखा तैयार कर सरकार को भेजी गई है. राशि के आवंटन होते ही योजनाओं को धरातल पर उतारा जायेगा.
मिला कनेक्शन
राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत गांव में बिजली के खंभे तो गाड़े गये हैं. परंतु विद्युत विभाग की उदासीनता का नतीजा है कि अब तक गांव के एक भी लोगों को विधिवत कनेक्शन नहीं दी गई है. ऐसे में वहां के लोग गांव में विद्युत व्यवस्था होने के बावजूद भी इसका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं.
धराशायी हो गया विद्यालय भवन का एक हिस्सा
लखनपुर गांव में प्राथमिक विद्यालय लखनपुर का भवन की स्थिति काफी दयनीय है. वर्षों से विद्यालय भवन का एक भाग टूट कर गिर चुका है. बावजूद न तो शिक्षा विभाग के अधिकारी ही इस ओर ध्यान दे रहे हैं और न ही जिला प्रशासन या कोई जनप्रतिनिधि. उपरोक्त गांव में एक मात्र विद्यालय होने के बावजूद जब विद्यालय की हालत यह है तो आखिर कैसे शिक्षा के क्षेत्र में विकास किया जा सकता है.

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