रांची : झारखंड में सक्रिय केरल की विवादितसंस्था पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) को प्रतिबंधित कर दिया गया है. विशेष शाखा की एक रिपोर्ट के आधार पर संगठन को सीएलए एक्ट 1908 की धारा 16 के तहत प्रतिबंधित किया गया है. पुलिस मुख्यालय ने दिसंबर में गृह विभाग को संस्था को प्रतिबंधित करने संबंधी प्रस्ताव भेजा था. विधि विभाग से सहमति मिलने के बाद संस्था को बैन कर दिया गया.
इन गतिविधियों में लिप्त है संगठन
1. झारखंड समेत देश के कई प्रांतों में आतंकी गतिविधियां फैलाना
2. खास समुदाय के लोगों को दूसरे समुदाय के खिलाफ भड़काना
3. हिंसा फैलाना और लोगों का धर्मांतरण कराना
4. दुनिया के सबसे खूंखार आतंकवादी संगठन आईएसआईएस से जुड़ने के लिए लोगों को प्रेरित करना
6. भारत से बाहर जाने के लिए आतंकवादियों को फर्जी पासपोर्ट उपलब्ध करवाना
7. आतंकी शिविरों का संचालन और बम बनाना
संस्था के सदस्यों के जघन्य अपराध
-केरल के इदुक्की जिले के प्राध्यापक का हाथ काटना.
-कन्नूर में प्रशिक्षण शिविर आयोजित करना. एनआईए ने एक प्रशिक्षण शिविर से कथित तौर पर तलवार, देशी बम और आईईडी बनाने वाली सामग्री जब्त की थी.
-बेंगलुरु में संघ के नेता रुद्रेश की हत्या और दक्षिण भारत में आंतकी हमलों को अंजाम देने की कथित योजना में संलिप्तता.
खाड़ी देशों से हवाला के जरिये लेते हैं पैसे, चलाते हैं धर्मांतरण की फैक्ट्री
एक स्टिंग ऑपरेशन में पीएफआई के सदस्यों ने स्वीकार किया था कि उन्हें खाड़ी देशों से हवाला के जरिये पैसे मिलते हैं. इस पैसे से वे भारत में धर्मांतरण की फैक्ट्री चलाते हैं. यानी पैसे के दम पर बड़े पैमाने पर भारत में लोगों का धर्म परिवर्तन कराने के लिए खाड़ी देशों से उन्हें धन मुहैया कराया जाता है.