कुड़ू
. बाल विकास परियोजना कार्यालय कुड़ू द्वारा प्रखंड क्षेत्र में कुपोषित बच्चों की पहचान को लेकर चल रहे चार दिवसीय प्रशिक्षण के दूसरे दिन बुधवार को सलगी, बड़की चांपी तथा सुंदरू पंचायत की 50 सेविकाओं एवं सहिया को प्रशिक्षण प्रदान किया गया. सीडीपीओ सानिया मंजुल ने प्रशिक्षण सत्र में बताया कि समाज कल्याण व बाल विकास परियोजना विभाग द्वारा कुपोषण की पहचान के लिए 11 बिंदुओं पर जांच का निर्देश दिया गया है. इन बिंदुओं में बच्चे की उम्र के अनुसार वजन, लंबाई, बाजू की मोटाई आदि शामिल हैं. प्रशिक्षण के बाद सेविकाएं अपने-अपने आंगनबाड़ी केंद्रों में समर सी मैम अभियान के तहत कुपोषित बच्चों की पहचान कर, उनकी सूची व रिपोर्ट परियोजना कार्यालय को सौंपेंगी. इसके पश्चात विभाग उनके इलाज व पौष्टिक आहार की व्यवस्था करेंगे. प्रशिक्षण में मुख्य प्रशिक्षकों के रूप में कमला देवी, कुसुम कुमारी, निशू महतो व पर्यवेक्षिका सुलक्ष्णा टुडू ने सेविकाओं को विभिन्न मापदंडों की जानकारी दी. बताया गया कि किसी भी उम्र के बच्चे का वजन कम या लंबाई अनियमित होने पर उसे कुपोषण की श्रेणी में रखा जायेगा और फिर आवश्यक चिकित्सा व पोषण हस्तक्षेप किया जायेगा. इस अवसर पर पर्यवेक्षिका सुलक्ष्णा टुडू, शिवनारायण ठाकुर, अन्य परियोजना कर्मी व प्रशिक्षणार्थी उपस्थित रहे. चार दिवसीय इस प्रशिक्षण में सेविकाओं को व्यावहारिक व तकनीकी जानकारी दी जा रही है, ताकि ग्रामीण क्षेत्र में कुपोषण उन्मूलन को गति दी जा सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है