लोहरदगा. लोहरदगा शहरी क्षेत्र में सड़कों की बदहाल स्थिति से लोग परेशान हैं. मुख्य पथ, जो पावर गंज से मिशन चौक तक नगर परिषद के द्वारा बनवाया गया था. वह सड़क भी दो वर्ष के अंदर ही जर्जर हो चुकी है. सड़क पर जगह-जगह गड्ढे हो गये हैं. जिसमें बारिश का पानी जमा हो जाने से अक्सर दुर्घटनाएं हो रही हैं और लोग परेशान हो रहे हैं. इस सड़क के निर्माण के समय ही लोगों ने भारी अनियमितता बरतने की शिकायत नगर परिषद प्रशासन और जिला प्रशासन के अधिकारियों से की थी. लेकिन किसी ने भी कोई ध्यान नहीं दिया और नतीजा आज सबके सामने है. लोगों ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है. सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर अग्रवाल का कहना है कि सड़कें तो विकास का आईना होती है, लेकिन लोहरदगा की बदहाल सड़कों को देखकर काफी अफसोस होता है. जनप्रतिनिधियों की खामोशी खलती है. मुक्तिधाम समिति के मनोज कुमार गुप्ता मन्ना का कहना है कि नगर परिषद की सड़कों पर पैदल चलना भी खतरनाक है. अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं .सड़कों पर बने गड्ढे और उसमें जलजमाव से आये दिन लोग चोटिल हो रहे हैं. लोगों को परेशानी हो रही है लेकिन यहां के अधिकारियों को जनता की कोई फिक्र नहीं है. सिर्फ अखबारों में ही विकास नजर आता है. कुछ महीनो में ही शहर की सड़कें बर्बाद हो गयी और जनता की गाढ़ी कमाई पर पानी फिर गया. सामाजिक कार्यकर्ता महावीर चौक निवासी राजेश अग्रवाल का कहना है कि लोहरदगा शहर की सड़कों की मरम्मत अविलंब करायी जाये, ताकि लोगों को सुविधा हो. सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जायसवाल ने कहा कि यहां अराजकता का माहौल है. भ्रष्टाचार चरम पर है. जिम्मेदार लोग अपनी डफली अपना राग अलापने में व्यस्त हैं. जब शहर की सड़कों की यह स्थिति है, तो गांव की स्थिति क्या होगी. इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. सेवा भारती के जिलाध्यक्ष दीपक सर्राफ का कहना है कि शहर की सडक़ों पर चलना मुश्किल हो गया है. नगर परिषद के अधिकारियों को इसकी कोइ फिक्र नहीं है. शहरी क्षेत्र के विभिन्न गलियों मोहल्ले में सड़कों की स्थिति बद से बदतर होर्यी है, लेकिन इस तरफ किसी का भी ध्यान नहीं है .
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