Raksha Bandhan 2025: कुड़ू (लोहरदगा), अमित कुमार राज-रक्षाबंधन नौ अगस्त को है. इस पर्व को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है. इस रक्षाबंधन पर एक ऐसी बहन की कहानी है, जिसने भाई-बहन के अनमोल रिश्ते को लेकर मिसाल कायम की है. लोहरदगा जिले के कुड़ू में एक ऐसी बहन है, जिसने अपने भाई की जिंदगी के लिए अपनी किडनी दान दे दी. इसमें पति ने भी पत्नी के साहसिक कदम की सराहना की और भाई के प्रति स्नेह को देखते हुए पत्नी का हौसला बढ़ाया. भाई को नया जीवन मिल गया.
रोहित की किडनी हो गयी थी फेल
कुड़ू के शिवानंद प्रसाद की शादी ऊषा साहू के साथ साल 2000 में हुई थी. ऊषा साहू का एक भाई है और दो बहनें हैं. साल 2016 की बात है. उषा को जानकारी मिली कि भाई रोहित साहू की एक किडनी फेल हो गयी है. रांची के रिम्स के डॉक्टरों ने रोहित को दिल्ली एम्स ले जाने की सलाह दी. परिजन रोहित को लेकर दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल पहुंचे, जहां जांच के बाद चिकित्सकों ने परिजनों को बताया कि रोहित साहू की एक किडनी फेल हो गयी है. एक सप्ताह के अंदर किडनी ट्रांसप्लांट नहीं करने पर रोहित को बचाना काफी मुश्किल होगा.
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जीवनसंगिनी के साहसिक कदम की पति ने की सराहना
रोहित की जिंदगी के लिए किडनी को लेकर काफी प्रयास किया गया, लेकिन सभी जगहों से निराशा हाथ लगी. इसी बीच रोहित साहू की बहन उषा साहू ने अपने पति शिवानंद प्रसाद से भाई के लिए अपनी एक किडनी दान करने को लेकर सलाह ली. पति शिवानंद प्रसाद भाई के प्रति बहन की त्याग की भावना देखते हुए इनकार नहीं कर सके. अपनी जीवनसंगिनी के साहसिक कदम की सराहना की और मनोबल बढ़ाया. पति-पत्नी दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल पहुंचे.
बहन ने ऐसे दी भाई को नयी जिंदगी
ऊषा साहू अपने पति शिवानंद प्रसाद के साथ 10 मई 2016 को सर गंगाराम अस्पताल पहुंची. चिकित्सकों के समक्ष अपने भाई के लिए किडनी दान करने की इच्छा जाहिर की. सभी तरह की जांच के बाद 16 मई 2016 को ऊषा साहू ने अपने भाई के लिए अपनी एक किडनी दान कर दी. बहन उषा साहू की एक किडनी से रोहित साहू को नया जीवन मिला.
इकलौते भाई के लिए कुछ कर पाने का गर्व है-ऊषा साहू
ऊषा साहू ने बताया कि वे चार भाई-बहन हैं. तीन बहनें हैं और इकलौता भाई रोहित साहू है. भाई के लिए किडनी दान देकर काफी खुशी महसूस हो रही है. उन्हें गर्व है कि वह अपने इकलौते भाई के लिए कुछ कर सकी हैं.
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