कैरो. प्राकृतिक का पर्व सरहुल शुक्रवार को प्रखंड मुख्यालय ग्राम कैरो में धूमधाम के साथ आदिवासी रीति रिवाज के अनुसार मनाया गया.इस अवसर पर कैरो झखरा स्थल पर कैरो,उतका,बिराजपुर,जामुंटोली आदि गांव के खोड़हा पहुंच कर लोगों के उपस्थिति में पहान बीरेंद्र उरांव, पुजार विष्णु उरांव ,महतो किशुन उरांव ने विधिवत पूजा संपन्न कराया. साथ ही अखड़ा में झंडा पूजन किया गया.इस दौरान उपस्थित गण्यमान लोगों को सरहुल आयोजन समिति ने सरना गमछा देकर व रंग गुलाल लगाकर स्वागत किया. तत्पश्चात सभी खोड़हा दल पारंपरिक ढ़ोल, नगाड़ा, मांदर आदि वाद्य यंत्र के साथ नृत्य करते हुए साहू मुहल्ला, मुख्य चौक होते हुए जेठ जतरा टाड पहुंच कर अपनी कला संस्कृति का प्रदर्शन किया. जेठ जतरा टांड में सभा का भी आयोजन किया गया. मौके पर जिला परिषद अध्यक्ष रीना कुमारी ने कहा कि सरहुल झारखंड क्षेत्र में विभिन्न जातियों द्वारा मनाये जाने वाला प्रसिद्ध त्योहार है, जो आदिवासी नव वर्ष है. सरहुल का शाब्दिक अर्थ साल पेड़ों की पूजा करना है.आदिवासी लोग प्राकृतिक के करीब है. इस पर्व के माध्यम से प्राकृतिक की रक्षा करने का संकल्प लिया जाता है. जिससे मानव जीवन सहित जीव जन्तु आदि की रक्षा हो सके.जिला परिषद सदस्य सुखदेव उरांव ने कहा कि सरहुल उत्सव का इतिहास बहुत पुराना है. यह त्योहार बसंत ऋतु में मनाया जाता है. आदिवासी समाज प्राकृतिक संतुलन को बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही है.राष्ट्रीय यूथ कॉंग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सह उड़ीसा प्रदेश प्रभारी अविनव सिद्धार्थ भगत ने कहा कि सरहुल हमारा सबसे बड़ा त्योहार है. मौके पर प्रखंड प्रमुख श्रीराम उरांव, अंचलाधिकारी कुमारी शिला उरांव, प्रखंड विकास पदाधिकारी छंदा भटाचार्य,थाना प्रभारी कुलदीप राज टोप्पो,यूथ कॉंग्रेस के राष्ट्रीय सचिव अविनव सिर्थ,मुखिया बीरेंद्र महली,उप मुखिया रवि प्रजापति,पूर्व पंचायत समिति सदस्य शरद कुमार विधार्थी,ड़ॉ. राकेश कुमार,किशोर उरांव, विनय उरांव, बजरंग उरांव, बुधवा उरांव एवं आयोजन समिति के अध्यक्ष विकास उरांव, सचिव तिला उरांव, कोषाध्यक्ष आकाश उरांव, बाबूलाल उरांव, सुशील उरांव आदि उपस्थित थे.
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