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ओलावृष्टि से हुआ भारी नुकसान, किसानों की टूटी कमर, मुआवजा के लिए हो रहा है सर्वे

लोहरदगा जिला में शनिवार को हुए तेज हवाओं के साथ बारिश और ओलावृष्टि से भारी नुकसान हुआ है.

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फोटो.ओलावृष्टि से हुआ नुकसान फोटो. सडक़ पर बिछी बफ की चादर गोपी कुंवर लोहरदगा. लोहरदगा जिला में शनिवार को हुए तेज हवाओं के साथ बारिश और ओलावृष्टि से भारी नुकसान हुआ है. जिले के सदर प्रखंड, किस्को, सेन्हा और भंडरा प्रखंड सहित जिले भर में आंधी तूफान, ओलावृष्टि और बारिश के कारण किसानों की कमर टूट गयी है. कई किसानों को ओलावृष्टि के कारण लाखों रुपये का नुकसान हुआ है. ओलावृष्टि इतनी भयानक रही कि सुबह तक खेतों में बर्फ जमी रही. जिले में सैकड़ों एकड़ में लगी गेहूं की तैयार फसल पूरी तरह बरबाद हो गयी है . साथ अन्य फसलों को भी काफी नुकसान हुआ है . किसानों ने जिला प्रशासन और सरकार से मुआवजा की मांग की है. जिले में गेहूं, सरसों, चना,टमाटर, प्याज, आलू, गोभी, मटर, तरबूज, खीरा सहित अन्य फसल भी ओलावृष्टि के कारण पूरी तरह बर्बाद हो गये हैं. यहां के किसानों के समक्ष अब आर्थिक संकट पैदा हो गया है.कई किसान ऋण लेकर खेती कर रहे थे लेकिन बारिश के कारण फसल पूरी तरह बर्बाद हो गया है. किसानों ने बताया कि ऐसी उम्मीद उन्हें नहीं थी. किसानो ने जिला प्रशासन से बेमौसम हुए बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान को लेकर मुआवजा और आर्थिक सहायता की मांग की है.हलांकि लोहरदगा के उपायुक्त डा.वाघमारे प्रसाद कृष्ण ने स्वयं गांवों का भ्रमण कर स्थिति का आकलन किया और प्रखंड स्तरीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया है. प्रखंडों से भी क्षति का आकलन किया जा रहा है. आम के मंजर बर्बाद हो गये बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से आम के मंजर भी बर्बाद हो गये. इस बार आम की बेहतर पैदावार की उम्मीद थी. मंजरों से आम के पेड़ लदे थे. लोगों को उम्मीद थी कि आम इस बार किसानों को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. आम के पेड़ों पर लदे मंजर नष्ट हो गये. लोहरदगा जिला में बिरसा हरित क्रांति योजना के तहत बड़े पैमाने पर आम के पौधे लगाये गये हैं और अब ये पेड़ तैयार हो गये हैं और आम के मंजरियों से लदे थे लेकिन ओलावृष्टि के कारण सब कुछ नष्ट हो गया. एक झटके में सबकुछ समाप्त हो गया किसानों ने बताया कि फसलों की देखभाल बच्चों की तरह करते थे लेकिन एक झटके में सबकुछ समाप्त हो गया. कुजरा गांव के किसान राजदेव साहू ने बताया कि ऐसी ओलावृष्टि की उम्मीद नहीं थी. खेतों में जो भी लगा था सब नष्ट हो गया. कर्जा लेकर किसानों ने खेती बारी किये थे, लेकिन सब खत्म हो गया और अब कर्ज के बोझ से दब गए हैं. मुआवजा राशि मिलनी चाहिए क्योंकि ये प्राकृतिक आपदा थी और किसानों को भारी नुकसान हुआ है. 72 घंटे के अंदर शिकायत दर्ज करायें फसल बीमा करने वाली इंश्योरेंस कंपनी के जिला समन्व्यक मयंक ने बताया कि जिन किसानों का फसल बीमा हुआ है वे 72 घंटे के अंदर टॉल फ्री नंबर 14447 पर डायल कर इंश्योरेंस कंपनी के समक्ष अपने नुकसान हुए फसल की शिकायत दर्ज करा सकते हैं. शिकायत दर्ज होने के बाद इंश्योरेंस कंपनी शिकायत की जांच स्थल पर जाकर करेगी. शिविर का आयोजन कर किसानों से आवेदन लें : डीसी उपायुक्त डा.वाघमारे प्रसाद कृष्ण ने सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, सभी अंचल अधिकारी और जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि जिन किसानों का फसल नुकसान हुआ है उसकी जानकारी के लिए किसानों को सूचित किया जाए. साथ ही सभी पंचायतों में शिविर का आयोजन कर किसानों से आवेदन प्राप्त किये जायें. जब किसान अपना रजिस्ट्रेशन करायेंगे, जिससे उन्हें एक यूनिक आईडी प्राप्त होगी जो आगे की कार्रवाई में जरूरी होगा. डीसी के र्निदेश के बाद किसानों को उम्मीद की किरण नजर आ रही है.

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