लोहरदगा़ सेन्हा प्रखंड के ग्राम चंदकोपा में प्राचीन दुर्गा पूजा समिति लगातार 35 वर्षों से भव्य रूप से दुर्गा पूजा का आयोजन करती आ रही है. 1990 में पूजा की स्थापना विदेशी साहू, नंदलाल साहू, राम भजन साहू, केदार साहू, रामखेलावन साहू, रामदेव साहू, सुरेश साहू, शीतल साहू, जलिंद्र साहू, हीरालाल साहू, रामवतार साहू, द्वारिका साहू आदि ने की थी. स्थापना के बाद आसपास के 10-12 गांवों के लोग भी उत्साह के साथ इस महापर्व में सम्मिलित होने लगे हैं. यहां के दुर्गा पूजा को खास बनाते हैं छोटे-छोटे बच्चों और बच्चियों द्वारा प्रस्तुत रंगारंग नृत्य, संगीत और नाटकीय कार्यक्रम. चंदकोपा में राष्ट्रीय स्तर के नागपुरी नाटक जैसे चरणदास चोर, सैया भये कोतवाल, अंधेर नगरी चौपट राजा, अभिनेत्री कहां है, नहले पे दहला और पिया गये परदेश का मंचन किया जा चुका है. पूजा समिति महासप्तमी, महाअष्टमी और महानवमी के दिन भव्य भंडारे का आयोजन करती है, जबकि विजयदशमी के दिन रावण दहन प्रमुख आकर्षण होता है. प्रत्येक वर्ष केंद्रीय दुर्गा पूजा समिति लोहरदगा का मार्गदर्शन व सुझाव प्राप्त होता है. साथ ही जिले के विभिन्न सामाजिक संगठनों के लोग पूजा में शामिल होते रहे हैं. वर्तमान समिति के अध्यक्ष बृजेश साहू पिछले 10 वर्षों से नेतृत्व कर रहे हैं. कार्यक्रम के संयोजक पवन कुमार ने बताया कि प्रारंभिक वर्षों में अभिभावकों ने सीमित संसाधनों में पूजा शुरू की थी, लेकिन आज यह सांस्कृतिक उत्सव बड़े पैमाने पर आयोजित हो रहा है. कोषाध्यक्ष उपेंद्र साहू, अरविंद साहू, कपिल साहू, प्रदीप साहू, रामजतन राम, आनंद साहू, दीपक ठाकुर, लोकेश साहू, मोहन साहू, गंगा साहू, सूरज साहू का योगदान भी सराहनीय है. ग्रामीणों की राय : लोगों ने बताया कि स्व विदेशी साहू की पूजा में विशेष भूमिका रहती थी. राकेश बाबू लोहरदगा से सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल होते थे. कपिल साहू ने कहा कि यहां का आयोजन अनूठा है, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रमों का विशेष महत्व है. बृजेश साहू, आनंद साहू और लोकेश साहू ने बताया कि दुर्गा पूजा के अवसर पर परदेश में रहने वाले लोग भी अपने परिवार के साथ यहां शामिल होते हैं और गांव का वातावरण उत्सवमय हो जाता है.
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