लोहरदगा : लोकसभा चुनाव की सरगरमी तेज होती जा रही है. नेता तो एक से बढ़ कर एक वादे और दावे कर रहे हैं, लेकिन जनता अच्छे बुरे की पहचान में लगी है. चुनाव में जीत हार को लेकर चर्चाओं का बाजार गरम है. लोग स्वच्छ छवि एवं कर्मठ उम्मीदवार को अपना जनप्रतिनिधि बनाना चाहते हैं. इस मुद्दे पर अधिवक्ताओं ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
राखा साहू का कहना है कि इस बार बहुत सोच-समझ कर मतदान करें. कुमार चंद्रशेखर का कहना है कि जो समाज एवं देश को आगे बढ़ाने की क्षमता रखता हो, उसे ही अपना जनप्रतिनिधि चुनें. प्रमोद प्रसाद का कहना है कि भ्रष्टाचार के कारण झारखंड का विकास नहीं हो पा रहा है. अभी भी बहुत सारे ऐसे गांव हैं, जहां के लोग दो जून की रोटी के लिए तरसते हैं. नेताओं को इन पर ध्यान देना चाहिए.
हेमंत सिन्हा का कहना है कि हमें ऐसा जनप्रतिनिधि चुन कर संसद में भेजना है, जो पूरे देश के लिए सोच सके. क्षेत्र के विकास के लिए काम करें. पारन प्रसाद का कहना है कि हमारा सांसद तेज तर्रार हो. सबों को साथ लेकर चले और क्षेत्र का सर्वागींण विकास करें. तरुण देवघरिया का कहना है कि जनता पांच साल में एक बार अपने वोट का इस्तेमाल करती है, इसलिए बहुत सोच समझ कर वोट देना होगा. झूठे दावे और वादे करने वालों से जनता को सावधान रहने की जरूरत है.