फोटो- एलडीजीए-7 प्रशिक्षण मंे शामिल प्रशिक्षु.लोहरदगा. आकृति उदय नाट्य संस्था द्वारा दस दिवसीय नाट्य प्रशिक्षण शिविर के चौथे दिन मूवमेंट एवं संगीत की विस्तृत जानकारी प्रशिक्षुओं को दी गयी. प्रशिक्षक विक्रम चौहान एवं चंदन गोयल ने प्रशिक्षुओं क ो बताया कि जीवन में अपने आसपास घटित घटनाओं एवं जीवन के रोजमर्रा की क्रिया को मूवमेंट कहते हैं. किसी नाटक का मुख्य बिंदु मूवमंेट ही है. जो नाटक को जीवन प्रदान करती है. बिना मूवमेंट के किसी जीव की परिकल्पना करना असंभव है. उन्होंने बताया गया कि एक एक्टर को अपना सफल अभिनय करने के लिए एक सफल मूवमेंट की जरूरत पड़ती हैं. मूवमंेट से एक्टिंग में निखार आता है. प्रशिक्षक धनेश ने बताया कि नाटक के अधूरेपन को संगीत के माध्यम से ही पूरा किया जाता है. संगीत ऐसी विद्या है जो इस सृष्टि में सभी जीवों के द्वारा प्रत्येक समय प्रयोग किया जाता है. सुर एवं ताल की जानकारी भी प्रशिक्षक ने दी. मौके पर रमेश कुमार, मिथलेश कुमार, अरुण राम, मनोज तिर्की, रविभूषण प्रजापति, अलोक कुमार, रामजतन राम, दीपक कुमार, विनोद सोनी, मनीक्षा विनायक, अर्चना कुमारी, अनिल राम, रवि खत्री, देशराज गोयल, डॉ राज मित्तल, गौतम चंदा आदि उपस्थित थे.
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::6:::: मूवमेंट व संगीत की जानकारी दी गयी
फोटो- एलडीजीए-7 प्रशिक्षण मंे शामिल प्रशिक्षु.लोहरदगा. आकृति उदय नाट्य संस्था द्वारा दस दिवसीय नाट्य प्रशिक्षण शिविर के चौथे दिन मूवमेंट एवं संगीत की विस्तृत जानकारी प्रशिक्षुओं को दी गयी. प्रशिक्षक विक्रम चौहान एवं चंदन गोयल ने प्रशिक्षुओं क ो बताया कि जीवन में अपने आसपास घटित घटनाओं एवं जीवन के रोजमर्रा की क्रिया को मूवमेंट […]
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