छह माह में हो चुकी हैं 16 दुर्घटनाएं
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किस हादसे का इंतजार कर रहा है जिला प्रशासन
छह माह में हो चुकी हैं 16 दुर्घटनाएं कुड़ू : बेलगाम रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रहा है. ब्लाॅक मोड़ के समीप प्रखंड सह अंचल कार्यालय, दो सरकारी व दो गैर सरकारी विद्यालय अवस्थित है. सुबह से लेकर शाम सात बजे तक ब्लॉक चौक के समीप चहल-पहल रहती है. विद्यालयों, प्रखंड सह अंचल कार्यालय […]
कुड़ू : बेलगाम रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रहा है. ब्लाॅक मोड़ के समीप प्रखंड सह अंचल कार्यालय, दो सरकारी व दो गैर सरकारी विद्यालय अवस्थित है. सुबह से लेकर शाम सात बजे तक ब्लॉक चौक के समीप चहल-पहल रहती है. विद्यालयों, प्रखंड सह अंचल कार्यालय होने से सड़क दुर्घटनाएं आम बात हो गयी है. कुड़ू के लोगों ने जिला प्रशासन से लेकर स्थानीय जन प्रतिनिधियों से स्पीड ब्रेकर बनाने की मांग पिछले कई सालों से कर रहे है, लेकिन न तो जिला प्रशासन व न ही जनप्रतिनिधि इसे गंभीरता से ले रहे हैं.
नतीजा प्रतिदिन छोटे- छोटे सड़क हादसे हो रहे हैं. जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को शायद किसी बड़े हादसे का इंतजार है. पिछले छह माह के आंकड़ों पर गौर करे, तो केवल ब्लाॅक मोड़ के समीप 16 सड़क हादसे हो चुके हैं, जिनमें कई लोगों की मौत हो चुकी हैं, वहीं दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो चुके हैं. प्रखंड सह अंचल कार्यालय में सुबह 11 बजे से आम ग्रामीण, स्कूली बच्चे अपनी समस्या को लेकर प्रखंड सह अंचल कार्यालय पहुंचते हैं.
प्रखंड परिसर में सीडीपीओ, शिक्षा विभाग, पशुपालन विभाग, खाद्य आपूर्ति विभाग, कल्याण विभाग, कुपोषण उपचार केंद्र समेत अन्य कार्यालय हैं. इसके अलावा ब्लाॅक मोड़ के समीप प्रोजेक्ट बालिका टेन प्लस टू हाई स्कूल, कन्या मवि टाकू, होली फैथ पब्लिक स्कूल कुड़ू, गुरुकुल एकेडमी समेत अन्य विद्यालय हैं. ब्लाॅक मोड़ होकर अविराम एकेडमी टिको, संत चार्ल्स विद्यालय जांगी समेत अन्य विद्यालय के बच्चे सुबह सात बजे से विद्यालय जाना शुरू कर देते हैं.
साथ ही दोपहर मे विद्यालयों में छुट्टी शुरू हो जाती है. छोटे-छोटे बच्चे सड़क किनारे से विद्यालय आते-जाते हैं. वाहन के बेलगाम रफ्तार का अंदाजा इस बात से लगाया जाता है कि वाहनों की रफ्तार देख बच्चे सहम जाते है. वाहनों में लगे प्रेशर हाॅर्न बच्चों को मानसिक रूप से बीमार कर रहा है. लेकिन जिला व प्रखंड प्रशासन चुपी साधे है.
पिछले छह माह के अंदर ब्लाॅक मोड़ में हुई घटनाएं: पिछले छह माह के अंदर ब्लाॅक चौक में 16 से अधिक घटनाएं हो चुकीहैं. इसमें चार लोगों की मौत हो चुकी हैं. बीते जनवरी माह में मोटरसाइकिल सवार तीन युवकों को बेलगाम मालवाहक ट्रक ने अपनी चपेट में ले लिया, जिसमें एक युवक की घटनास्थल पर व एक की मौत इलाज के क्रम में हो गयी थी. साइकिल सवार स्कूली छात्रा की मौत ट्रक की चपेट में आने से हो गयी थी. इसके अलावा कई छोटी-छोटी घटनाएं हो चुकी हैं, जिसे प्रशासन ने नजरअंदाज कर दिया है. आम जनता के सेवक कहे जानेवाले जनप्रतिनिधि भी खामोश है.
प्रखंड मुख्यालय चौक से तीन साइड सड़क गुजरती है. इसमे टिको समेत अन्य गांव जानेवाली सड़क सबसे खतरनाक मानी जाती है. हाल के दिनों में नाबालिग बच्चों द्वारा तेज रफ्तार से वाहन चलाना फैशन बन गया है. एक सप्ताह पूर्व बाइक सवार तीन युवक ब्लॉक मोड़ से टिको जानेवाली सड़क पर काफी तेजी से मुड़े, दूसरी तरफ प्रखंड कार्यालय से एक मालवाहक वाहन निकल रहा था. मोटरसाइकिल चालक नबालिग ट्रक चालक की सावधानी से बच गये, अन्यथा बड़ी घटना हो सकती थी.
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