सरायकेला स्थित बदानी जंगल में नक्सलियों से लोहा लेते हुए बनुवा उरांव शहीद हो गये थे
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शहीद बनुवा उरांव पंचतत्व में विलीन
सरायकेला स्थित बदानी जंगल में नक्सलियों से लोहा लेते हुए बनुवा उरांव शहीद हो गये थे लोहरदगा : चमरू रुगड़ी टोली निवासी भरथु उरांव तथा चिमो उरांव का शहीद पुत्र बनुवा उरांव का पार्थिव शरीर शुक्रवार को पंचतत्व में विलीन हो गया. ज्ञात हो कि सात जून बुधवार को सरायकेला स्थित बदानी जंगल में नक्सलियों […]
लोहरदगा : चमरू रुगड़ी टोली निवासी भरथु उरांव तथा चिमो उरांव का शहीद पुत्र बनुवा उरांव का पार्थिव शरीर शुक्रवार को पंचतत्व में विलीन हो गया. ज्ञात हो कि सात जून बुधवार को सरायकेला स्थित बदानी जंगल में नक्सलियों से लोहा लेते हुए बनुवा उरांव शहीद हो गये थे. वे कुचाई थाना में 16 अक्तूबर 2016 से एएसआइ के पद पर पदस्थापित थे. देर शाम उनके पार्थिव शरीर को गांव लाया गया. बूढ़े मां-बाप और पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल था. शहीद का शव जैसे ही गांव पहुंचा,
रात होने के बावजूद कई गांव के सैकड़ों लोग शहीद के घर के पास जमा हो गये. शुक्रवार अहले सुबह अंतिम दर्शन के लिए लोगों का तांता लगा रहा. लगभग 10 बजे गांव के समीप श्मशान घाट पर शहीद का पार्थिव शरीर लाया गया. यहां झारखंड पुलिस के शस्त्र बल ने उन्हें अंतिम सलामी दी. श्मशान घाट पर डीसी विनोद कुमार, एसपी राजकुमार लकड़ा सहित जिले के पुलिस पदाधिकारी और प्रशासनिक पदाधिकारी मौजूद थे. मुखाग्नि पुत्र अंश ने दिया.
पत्नी ने मांगी नौकरी: अंतिम संस्कार के समय घाट पर पहुंचे उपायुक्त तथा एसपी से शहीद की पत्नी सुशांति ने अपने जिले में नौकरी, बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने तथा गांव में शहीद की प्रतिमा स्थापित करने की मांग की. इस पर उपयुक्त बिनोद कुमार ने कहा कि सारी मांगे हेडक्वाटर से बात कर पूरी की जायेगी.
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