सूखने लगे हैं जलस्नेत
गरमी में पेयजल की कमी
लोहरदगा : गरमी के दस्तक देने के साथ ही पेयजल संकट गहराता जा रहा है. लोहरदगा पठारी जिला है. जिसके कारण यहां के लोगों को पानी के लिए गरमी के मौसम में काफी मशक्कत करनी पड़ती है. शहरी क्षेत्र में पेयजल का एक मात्र साधन शहरी जलापूर्ति योजना ही है. यह योजना भी शहर के लोगों की प्यास बुझाने में अक्षम साबित हो रही है.
नगर पर्षद द्वारा लगाये गये अधिकांश चापाकल खराब पड़े हैं. इनकी मरम्मत की दिशा में नगर पर्षद द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया है. नतीजतन शहरी क्षेत्र के लोगों को पानी के लिए अहले सुबह से देर शाम तक मशक्कत करनी पड़ रही है.
इधर ग्रामीण इलाकों में भी पेयजल की स्थिति बेहतर नहीं है. चापानल तो लगाये गये हैं, लेकिन खराब चापानलों की संख्या ज्यादा है. इनकी मरम्मत के लिए मुखिया को राशि भी समय-समय पर उपलब्ध करायी गयी है. तालाब सूख जाने के कारण पशुओं को भी पानी पीने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण इलाकों के कुएं भी सूखने के कगार पर हैं.