बेतला़ अखिल भारतीय बाघ आकलन 2026 की शुरुआत भारत में सभी टाइगर रिजर्व की तरह झारखंड के पलामू टाइगर रिजर्व में भी हो गयी है. इस क्रम में झारखंड के एक मात्र बाघ आरक्षित पलामू टाइगर रिजर्व में मौजूद बाघों सहित अन्य प्रमुख मांसाहारी जंगली जानवरों की गिनती का कार्य शुरू हो गया है. भारत के नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी के निर्देश पर चल रहे इस गिनती कार्य में पहले ही दिन बाघ के पंजे के निशान मिले हैं. उस स्पष्ट पगमार्क का ऑन स्पॉट विश्लेषण किया गया. जिससे क्षेत्र में बाघ की सक्रिय उपस्थिति की पुष्टि हुई. इसके साथ ही तेंदुआ और भेड़िया के भी महत्वपूर्ण प्रमाण मिले हैं. प्राप्त पगमार्क तथा अन्य चिन्हों का वैज्ञानिक सत्यापन एवं दस्तावेजीकरण भी किया गया. इस महत्वपूर्ण गिनती में पीटीआर में कार्यरत 110 फॉरेस्ट गार्ड के साथ 300 ट्रैकर्स और 25 प्रशिक्षित वॉलंटियर्स को लगाया गया है. आधुनिक तकनीकी से इस बार गिनती हो रही है. इसमें एस स्ट्राइप्स से ऑनलाइन जंगली जानवरों की संख्याओं की वास्तविक इंट्री की जा रही है. इस दौरान बाघ सहित अन्य प्रमुख मांसाहारी और बड़े शाकाहारी वन्यजीवों की उपस्थिति, मूवमेंट एवं आवास से संबंधित वैज्ञानिक एवं प्रमाणिक आंकड़ों का संकलन किया जा रहा है. पहले दिन सभी टीमों को पीटीआर के विभिन्न रेंज एवं बीट क्षेत्रों में तैनात किया गया. जहां ट्रैक सर्च, साइन सर्वे और प्राइमरी डेटा रिकॉर्डिंग का कार्य किया गया. इस गिनती के सभी चार फेज अप्रैल 2026 तक चलेगा, इसकी रिपोर्ट 2027 में आयेगी. 2022 की गिनती के अनुसार देश में 3,682 बाघ थे. वहीं, झारखंड के पीटीआर में छह बाघ की पुष्टि हुई थी. 1973 में जब टाइगर रिजर्व बनाया गया था उस समय पलामू टाइगर रिजर्व में 50 बाघ थे. 2018 में इनकी संख्या शून्य हो गयी थी. इस बार हाई टेक्नोलॉजी का उपयोग कर गिनती की जा रही है. पिछली बार कैमरा ट्रैप से गिनती हुई थी.
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