हेरहंज ़ प्रखंड अंतर्गत सेरनदाग पंचायत में संचालित राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय इन दिनों बुनियादी सुविधाओं के अभाव का दंश झेल रहा है. यहां नामांकित 182 छात्र-छात्राओं के शिक्षण की जिम्मेवारी महज एक शिक्षक पर है. इससे शैक्षणिक गुणवत्ता तो प्रभावित हो ही रही है, साथ ही बच्चों का भविष्य भी अंधकार में डूबता दिख रहा है. एक शिक्षक, आठ कक्षा व तीन कमरे में होती है पढ़ाई : विद्यालय में कक्षा एक से आठ तक की पढ़ाई होती है. फिलहाल ब्रह्मदेव गंझू ही यहां एकमात्र सहायक शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं. इनके जिम्मे अकेले सभी कक्षाओं में पढ़ाना व कार्यालय कार्य संपन्न कराना है. जो संभव नहीं दिखता़ प्रतिदिन करीब 120 के आसपास बच्चे विद्यालय में उपस्थित रहते हैं, पर एक शिक्षक के लिए इतने बच्चों को संभालना मुश्किल नहीं असंभव है. बताते चले कि पूर्व में विद्यालय में नीरज कुमार व प्रमोद कुमार गुप्ता पारा शिक्षक के रूप में कार्यरत थे. नीरज कुमार एक अक्तूबर 2024 को सहायक शिक्षक व प्रमोद गुप्ता 28 नवंबर 2025 को सहायक आचार्य के रूप में प्रोन्नत हो गये. इसके बाद विद्यालय में केवल ब्रह्मदेव गंझू ही शिक्षक के रूप में रह गये हैं. विस्फोट में ध्वस्त हुआ था भवन, इसके बाद से नहीं बना : यहां 10 अक्तूबर 2015 को माओवादियों ने विस्फोट में विद्यालय भवन को ध्वस्त कर दिया था. एक दशक बीतने के बाद भी यहां नया भवन नहीं बना है. फिलहाल तीन कमरे खड़े है, दो का उपयोग कक्षा के रूप में हो रहा है. जबकि एक कमरा पूरी तरह जर्जर हो चुका है. बच्चे दो ही कमरे में बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं. ऐसे में न तो कक्षाएं ठीक से चल पाती है और न ही बच्चों को अनुकूल शैक्षणिक वातावरण मिल पा रहा है. स्थानीय ग्रामीणों ने विभाग से शिक्षकों की पदस्थापना और भवन निर्माण की दिशा में ठोस पहल करने की मांग की है. क्या कहती हैं बीइइओ : इस मामले पर प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी राजश्री पुरी ने कहा कि मामले की जानकारी है. यहां शिक्षकों व कमरों की कमी है. इस मामले पर उच्चाधिकारी को पत्राचार किया गया है. दिशा-निर्देश मिलते ही कमी दूर की जायेगी.
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