टंडवा : टंडवा थाना के लिए वर्ष 2013 अपराध को लेकर मिला जुला रहा. इस वर्ष एक-दो घटना को छोड़ कर कोई बड़ी घटना घटित नहीं हुई़ अब तक थाने में कुल 76 मामले दर्ज किये गय़े जिनमें जनवरी माह में पांच, फरवरी में पांच, मार्च में नौ, अप्रैल में आठ, मई में दो, जून में नौ, जुलाई में तीन, अगस्त में नौ, सितंबर में सात.
अक्टुबर में तीन, नवंबर में छह व सबसे अधिक दिसंबर में अब तक दस मामले दर्ज किये गय़े वर्ष 2013 में कुल 76 मामलों में कोयला चोरी के एक, बलात्कार का प्रयास का एक, हत्या के चार, सशस्त्र अधिनियम के एक, डकैती के तीन, लूट के चार, चोरी के 13, बलात्कार के छह, उग्रवादी कांड के दो, मोटर दुर्घटना के सात, महिला अत्याचार के एक, दहेज अधिनियम के तीन व विभिन्न मामलों के 24 समेत कई मामले दर्ज किये गय़े जिनमें कई का पुलिस ने उदभेदन भी किया और कई मामले लंबित भी है.
वर्ष 2013 में दस अगस्त को टंडवा हाजत में बंद मदवा उरांव के आत्म हत्या का मामला सबसे चर्चा में रहा.
इस मामले में परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाते हुए सड़क जाम कर दिया था. जिस पर पुलिस अधीक्षक अनूप बिरथरे ने तत्कालीन थाना प्रभारी प्रमोद रंजन समेत एक जमादार व दो चौकीदार को निलंबित कर दिया गया था. वर्ष 2013 के कार्यकाल तीन थानेदारों की देखरेख में संचालित हुआ़.