लातेहारः चंदवा थाना क्षेत्र के डंगमारा (चेतरा) गांव में टीपीसी के साथ मुठभेड़ में झारखंड संघर्ष जनमुक्ति मोरचा के सुप्रीमो कुलेश्वर सिंह के मारे जाने के बाद पुलिस की कार्य पद्धति पर सवाल उठ रहे हैं.
पलामू प्रक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक रविकांत धान ने पूछे जाने पर बताया : चंदवा थाने की पुलिस को कुलेश्वर सिंह के गांव में रहने की सटीक जानकारी थी. इसके बाद भी पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया. जबकि इसी सूचना पर टीपीसी के उग्रवादियों ने कुलेश्वर को उसके घर में घेर कर मार डाला. उसके हथियार लूट लिये. कुलेश्वर एक सप्ताह से वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए घर पर रुका था पर पुलिस रणनीति ही बनाती रही.
पुलिस की छवि खराब हुई है
डीआइजी ने कहा है कि इस घटना से पुलिस की छवि खराब हुई है. जिले में पर्याप्त बल रहने का फायदा यहां की पुलिस नहीं उठा रही है. माओवादियों के अलावा अन्य नक्सली, उग्रवादी संगठन लगातार घटना को अंजाम दे रहे हैं. कुलेश्वर ने पिछले सप्ताह होटल व ईंट व्यवसायी नरेश साव की हत्या कर दी थी. पक्की सूचना के बाद भी पुलिस की ओर से कार्रवाई नहीं करना विफलता है. उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस उपाधीक्षक व इंस्पेक्टर से जवाब-तलब किया गया है.